tag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post4623973219805913107..comments2024-02-09T13:34:14.873+05:30Comments on जुगाली: माननीयों को चाहिए बस मकान....फिर क्यों करें कामसंजीव शर्मा/Sanjeev Sharma http://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-69805533083973861552010-05-14T18:28:51.045+05:302010-05-14T18:28:51.045+05:30भाई संजीव जी, अब ये माननीय हैं तो उसी के अनुरूप ही...भाई संजीव जी, अब ये माननीय हैं तो उसी के अनुरूप ही तो आकांक्षा पालेंगे. आम आदमी होते तो झुग्गी-झोंपड़ी या ईडब्ल्यूएस जैसी खोली के बारे में सोचते. सही मायनों में आम जनता ने इन्हें देश बेचने का परमिट दिया हुआ है, इसीलिए बेचने दो. नेता शब्द नीति से बना है, जब नीति है ही नहीं तो नेता से ही काम चलाओ.उपदेश सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/11644032441691860848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-19425046286794235772010-05-12T19:08:15.193+05:302010-05-12T19:08:15.193+05:30उम्दा विचारणीय प्रस्तुती /उम्दा विचारणीय प्रस्तुती /honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.com