tag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post7305219479969115385..comments2024-02-09T13:34:14.873+05:30Comments on जुगाली: क्यों न अब अखबारों और चैनलों पर लिखा जाए “केवल वयस्कों के लिए”संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma http://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-18321861864526118012012-03-07T20:41:17.552+05:302012-03-07T20:41:17.552+05:30धन्यवाद कविता जी,आपकी सराहना के लिएधन्यवाद कविता जी,आपकी सराहना के लिएसंजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-91827403284159118422012-02-13T16:54:46.357+05:302012-02-13T16:54:46.357+05:30धन्यवाद रचना जी..आभारधन्यवाद रचना जी..आभारसंजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-43678952892166467422012-02-13T16:54:16.050+05:302012-02-13T16:54:16.050+05:30शुक्रिया हबीब साहब..शुक्रिया हबीब साहब..संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-41100600831427975072012-02-13T16:53:23.107+05:302012-02-13T16:53:23.107+05:30शुक्रिया उपदेश जी,आपकी सराहना के लिएशुक्रिया उपदेश जी,आपकी सराहना के लिएसंजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-41556981319238284142012-02-12T17:58:49.482+05:302012-02-12T17:58:49.482+05:30सार्थक चर्चा.
बधाई.सार्थक चर्चा.<br /><br />बधाई.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-41327247713774255012012-02-12T14:43:51.908+05:302012-02-12T14:43:51.908+05:30बहुत सार्थक और महत्वपूर्ण विषय पर एक जिम्मेदार चर्...बहुत सार्थक और महत्वपूर्ण विषय पर एक जिम्मेदार चर्चा...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-17031894708977934682012-02-12T14:19:00.743+05:302012-02-12T14:19:00.743+05:30बहुत दमदार विषय उठाया है शर्मा जी. मनोरंजन और ज्ञा...बहुत दमदार विषय उठाया है शर्मा जी. मनोरंजन और ज्ञान के तमाम साधनों पर हावी अश्लीलता के चलते ऐसा होना अनिवार्य है..........उपदेश सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/11644032441691860848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-56138350183030058762012-02-12T13:06:56.940+05:302012-02-12T13:06:56.940+05:30सरकार को समाचार पत्र-पत्रिकाओं की सामग्री और न्यूज...सरकार को समाचार पत्र-पत्रिकाओं की सामग्री और न्यूज़ चैनलों की विषय वस्तु के लिए भी ‘केवल वयस्कों के लिए’ जैसी कोई श्रेणी बनानी चाहिए. ...<br /> यदि कोई कार्यक्रम अश्लीलता फैला रहा है तो समाचार के नाम पर उस कार्यक्रम के फुटेज दिखाना या उन चित्रों को अखबार में छापना भी अश्लीलता फ़ैलाने के दायरे में आएगा.<br />.....vartman paridrshya ko rekhankit karti bahut badiya sarthak prastuti ke liye aabhar!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-4784580182797355892012-02-12T12:51:34.070+05:302012-02-12T12:51:34.070+05:30बात आप सही कह रहे हैं...लेकिन एक लक्ष्मण रेखा तो ह...बात आप सही कह रहे हैं...लेकिन एक लक्ष्मण रेखा तो होनी ही चाहिए...अपरिपक्व मस्तिष्क के लिए सब कुछ खोलना भी सही नहीं है..संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-28299936521343498782012-02-12T11:37:48.953+05:302012-02-12T11:37:48.953+05:30'सिजलर्स' के इस दौर में अब सेक्स एजुकेशन औ...'सिजलर्स' के इस दौर में अब सेक्स एजुकेशन और भी ज़रूरी हो गई है .जबकि मोबाइल के मार्फ़त इंटर नेट तक बच्चों की पहुँच है .कहाँ कहाँ तक प्रतिबन्ध आयद किए जा सकेंगें .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-27721678436892376122012-02-12T10:38:14.339+05:302012-02-12T10:38:14.339+05:30फिरदौस जी, फिल्म के इस पोस्टर का लगाने का उद्देश क...फिरदौस जी, फिल्म के इस पोस्टर का लगाने का उद्देश केवल यह बताना है कि यह फिल्म तो केवल वयस्कों के लिए थी परन्तु ये चित्र घर घर में बेरोकटोक देखे गए..संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-91494048805265209032012-02-12T10:32:27.109+05:302012-02-12T10:32:27.109+05:30जी जरुर राजेश जी,लेकिन लिखकर न केवल अपनी भावनाएं व...जी जरुर राजेश जी,लेकिन लिखकर न केवल अपनी भावनाएं व्यक्त की जा सकती अहिं बल्कि समान सोच के लोगों को भी अपने साथ जोड़ा जा सकता है और नए विचार जानने का मौका मिलता हैसंजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-35654673159866670742012-02-12T10:30:13.979+05:302012-02-12T10:30:13.979+05:30धन्यवाद शास्त्री जी,
आपका यह सहयोग इसीतरह लिखने की...धन्यवाद शास्त्री जी,<br />आपका यह सहयोग इसीतरह लिखने की प्रेरणा देता है ..संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma https://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-29516807140705598292012-02-12T00:36:54.317+05:302012-02-12T00:36:54.317+05:30बात तो आपकी सही है। पर असल काम तो परिवार में होगा।...बात तो आपकी सही है। पर असल काम तो परिवार में होगा। क्योंकि केवल समाचार या कार्यक्रम पर लिखने से नहीं होगा।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-62606776722078211242012-02-11T16:22:26.274+05:302012-02-11T16:22:26.274+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
घूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा...बहुत सुन्दर प्रस्तुति!<br />घूम-घूमकर देखिए, अपना <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच </a>।<br />लिंक आपका है यहीं, कोई नहीं प्रपंच।।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर की जाएगी!<br />सूचनार्थ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-1125683877290765872012-02-11T12:23:13.486+05:302012-02-11T12:23:13.486+05:30आपका लेख बेहद प्रासंगिक है...लेकिन लेख के साथ '...आपका लेख बेहद प्रासंगिक है...लेकिन लेख के साथ 'डर्टी' तस्वीर का औचित्य?फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.com