tag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post5837044764840375449..comments2024-02-09T13:34:14.873+05:30Comments on जुगाली: महिला दिवस नहीं राष्ट्रीय शर्म दिवस मनाइए!संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma http://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-34368296448292762112011-03-15T14:26:15.087+05:302011-03-15T14:26:15.087+05:30आज पहली बार आपके ब्लॉग पे आया और बेहतरीन लेख पढने ...आज पहली बार आपके ब्लॉग पे आया और बेहतरीन लेख पढने को मिले. भाई आप जब लिखें मुझे मेल कर दें. मैं आप की हर पोस्ट कीमती हैएस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-90664070688567083712011-03-12T09:13:29.346+05:302011-03-12T09:13:29.346+05:30सार्थक सटीक लेखसार्थक सटीक लेखmanisha sanjeevhttps://www.blogger.com/profile/08399062160921899893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-84437635573902140842011-03-08T02:36:51.604+05:302011-03-08T02:36:51.604+05:30बढ़िया लेखन.चिंताजनक वस्तुस्थिति से अवगत करता हुआ ...बढ़िया लेखन.चिंताजनक वस्तुस्थिति से अवगत करता हुआ और चिंतन के लिए मजबूर करता हुआ.संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-69666481008321291292011-03-07T13:54:28.268+05:302011-03-07T13:54:28.268+05:30बहुत सार्थक चिंतन ..
मात्र दिखावा और औपचारिकता से...बहुत सार्थक चिंतन ..<br /><br />मात्र दिखावा और औपचारिकता से क्या होने वाला है ?सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-85460081619798762042011-03-07T11:22:05.642+05:302011-03-07T11:22:05.642+05:30विचारणीय हैं आपके दिए सारे आंकड़े और तथ्य .... सही ...विचारणीय हैं आपके दिए सारे आंकड़े और तथ्य .... सही मायने में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा <br />की शुरुआत घर से हो सकती है .......ताकि एक दिन पूरा समाज उनकी भूमिका के महत्व को समझे ..... और ऐसी अफसोसजनक घटनाएँ हों ही नहीं ...आभार सार्थक आलेख के लिए डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-1762687068778929372011-03-07T10:35:55.667+05:302011-03-07T10:35:55.667+05:30बिलकुल सही लिखा....बिलकुल सही लिखा....Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-48245075080258195972011-03-07T08:26:14.155+05:302011-03-07T08:26:14.155+05:30जीवन ही दिखावा बन गया है।ेक दिन मना कर अपने फर्ज क...जीवन ही दिखावा बन गया है।ेक दिन मना कर अपने फर्ज को पूरा हुया मान लेते हैं। इस देश को ही सही दशा और दिशा की जरूरत है। शायद कहीं नारी भी अपनी दिशा और अपने आत्मसम्मान को भूलती जा रही है तो कोई और क्या उसे सम्मान देगा। सब से पहले नारी को सोचना होगा तब और लोग कुछ सोचेंगे। धन्यवाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com