tag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post628464834389804980..comments2024-02-09T13:34:14.873+05:30Comments on जुगाली: आओ सब मिलकर कहें कार्ला ब्रूनी हाय-हायसंजीव शर्मा/Sanjeev Sharma http://www.blogger.com/profile/11102333380220317327noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-66638950315541931802010-12-08T16:55:01.003+05:302010-12-08T16:55:01.003+05:30mujhe nahin lagta is baat ko kisi ne gambheerta se...mujhe nahin lagta is baat ko kisi ne gambheerta se liya hoga.. balki aap hi zara si baat ko mudda banakar logon ki nazar me la rahe hain, jabki kisi ne bhi is tarah socha nahin.. :)दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-84963160318809329552010-12-08T09:36:30.502+05:302010-12-08T09:36:30.502+05:30वहाँ तो एक ब्रूनी है हमारे यहाँ घर घर मे ब्रूनियाँ...वहाँ तो एक ब्रूनी है हमारे यहाँ घर घर मे ब्रूनियाँ हैं। जिन चीज़ों की अहमियत से इन्कार नही किया जा सकता उन्हें बदलना इतना आसान नही पहले उन समस्याओं के हल होने चाहिये जो बेटे के न होने पर होती हैं और बेटिओं के होने से भी होती हैं तब समाज बदलेगा। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-65231735001250464432010-12-08T08:04:02.232+05:302010-12-08T08:04:02.232+05:30बेटियों को लेकर आपकी सार्थक मुहीम के हम मुरीद हैं....बेटियों को लेकर आपकी सार्थक मुहीम के हम मुरीद हैं.कई विदेशी मुल्कों में भारतियों को भिखारी समझा जाता है, कार्ला की यह हरकत हमारी छवि को बदलने में कामयाब होगी, हम दानी हैं. बेहतर लेखन के लिए बधाई, कृपया लेखन में निरंतरता बनाए रखें.उपदेश सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/11644032441691860848noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-64570160792505598932010-12-08T06:37:06.211+05:302010-12-08T06:37:06.211+05:30मांगना और देना
बुरा नहीं है
देना बैंक है न
मांगने ...मांगना और देना<br />बुरा नहीं है<br />देना बैंक है न<br />मांगने के लिए मंदिर<br />मस्जिद और दरगाह<br />और सभी मन पूजा स्थल<br /><br />और अब तो <br />ब्लॉग स्थल भी मांगने के<br />सबसे बड़े अड्डे बन गए हैं<br />पोस्टों पर प्रतिक्रियाएं<br />ब्लॉग पर टिप्पणियां<br />देखों तो सब <br />मांग ही रहे हैं<br /><br />मांगना और देना<br />चलते हैं साथ साथ<br />चलते रहेंगे साथ साथ<br />मांगे तो दें भी<br />प्यार, सत्कार, आदर<br />मिलेगा वही जो दोगे।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-78395729148088213212010-12-08T04:00:07.857+05:302010-12-08T04:00:07.857+05:30बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थ...<i><b><br />बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !<br /><br />आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/12/60-4.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें</a> </b></i>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4862091528022381150.post-52247426643598518382010-12-07T14:20:55.843+05:302010-12-07T14:20:55.843+05:30संजीव जी,
हम कार्ला ब्रून...संजीव जी,<br /> हम कार्ला ब्रूनी को क्यों गालियाँ दे रहे हैं? <br /><br /> अपने लिए कुछ माँगना बुरा तो नहीं है. उनके माँगने से हमारी मानसिकता अगर बदल जाती है तो हम पर ही धिक्कार है. ये मन्नत माँगने और मनौती करने की प्रथा सबसे अधिक हमारे जैसे देशों में ही है. क्या कार्ला ब्रूनी हमारे दिमाग और सोच को बदल सकती है या फिर बदलने को कह रही है. हमारे देश में जो दुर्दशा बेटियों और कन्याओं की हो रही है उस पर क्या नजर नहीं डाली है? जन्म मिल भी रहा है तो फिर सड़क पर फ़ेंक रहे हैं या फिर नन्हीं बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बना कर मारा जा रहा है.ये दें किसकी है? हमें दूसरे पर अंगुली उठाने से पहले ये देख लेना चाहिए की हमारी तीन अंगुलियाँ हम पर उठी हुई हैं. अभी हम अपने वंशवाद के पूर्वाग्रह से मुक्त नहीं हो पाए हैं. कुछ सुधार हो रहा है और आगे भी इसकी कामना कर रहे हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.com