असम: जहाँ नागरिकों को साबित करनी पड़ रही है अपनी नागरिकता !!

असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का पहला मसौदा जारी होने के बाद गहमा गहमी का माहौल और बढ़ गया है । पहले मसौदे में राज्य के कुल 3 . 29 करोड़ आवेदनों में से 1.9 करोड़ लोगों को कानूनी रूप से भारत का नागरिक माना गया है लेकिन अभी नही तक़रीबन दो करोड़ लोगों का भविष्य दांव पर है क्योंकि यदि वे यह प्रमाणित नहीं कर पाए कि वे भारत के नागरिक हैं तो उन्हें न केवल यहाँ के नागरिकों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से हाथ धोना पड़ेगा बल्कि देश छोड़ने की नौबत भी आ सकती है । असम देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ नेशनल रजिस्टर आफ सिटीजंस अर्थात राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन या एनआरसी है । सबसे पहले वर्ष 1951 में असम में एनआरसी तैयार किया गया था । दरअसल असम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और अन्य विदेशी लोगों की पहचान कर उन्हें बाहर निकालने के लिए एनआरसी की प्रक्रिया पर अमल किया जा रहा है । आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पूरी प्रक्रिया इसी वर्ष अर्थात 2018 के अंदर पूरी कर ली जायेगी क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने एनआरसी का काम पूरा करने के लिए...