और ऐसे बन गया मिनटों में पटरियों पर इतिहास....!!!!
बराक वैली एक्सप्रेस के चालक ने जैसे ही हरी झंडी दिखाते हुए सिलचर रेलवे स्टेशन से अपनी ट्रेन आगे बढ़ाई, मानो वक्त ने मिनटों में ही लगभग दो सदी का फ़ासला तय कर लिया. हर कोई इस पल को अपनी धरोहर बनाने के लिए बेताब था. यात्रा के दौरान शायद बिना टिकट चलने वाले लोगों ने भी महज संग्रह के लिए टिकट ख़रीदे. सैकडों मोबाइल कैमरों और मीडिया के दर्जनों कैमरों ने इस अंतिम रेल यात्रा को तस्वीरों में कैद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कोई ट्रेन के साथ,तो कोई स्टेशन पर अपनी ‘सेल्फी’ खींचने में व्यस्त था. वहीँ ट्रेन में सवार कुछ लोगों के लिए यह महज रेल यात्रा नहीं बल्कि स्वयं को इतिहास के पन्नों का हिस्सा बनाने की कवायद थी. 30 साल की सरकारी सेवा पूरी कर चुके बराक वैली एक्सप्रेस के चालक सुनीलम चक्रवर्ती के लिए भी इस मार्ग पर यह अंतिम रेल यात्रा ही थी. भावुक होकर उन्होंने कहा- “पता नहीं अब इस मार्ग पर जीते जी कभी ट्रेन चलाने का अवसर मिलता भी है या नहीं.” दरअसल असम की बराक वैली या भौगोलिक रूप से दक्षिण असम के लोगों की डेढ़ सौ साल तक ‘लाइफ लाइन’ रही मीटर गेज ट्रेनों के पहिए अब थम गए है. रेल मंत्रालय मीटर गेज क