बदल रही है हवा, इसके आंधी बनने से पहले सुधर जाओ मेरे यारो
सूचनार्थ: जुगाली के इसी लेख को 'सादरब्लागस्ते ' द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में राजधानी की प्रतिष्ठित संस्था शोभना वेलफेयर सोसाइटी द्वारा "ब्लाग रत्न" सम्मान से सम्मानित किया गया है....आप सभी सुधी पाठकों के लिए पेश है यह पुरस्कृत आलेख..... ******* ******** ******* ****** महिलाओं के साथ बेअदबी और बदसलूकी से भरे विज्ञापनों के बीच छोटे परदे पर इन दिनों प्रसारित हो रहा एक विज्ञापन बरबस ही अपनी और ध्यान खींच रहा है.वैसे तो यह विज्ञापन किसी पंखे का है लेकिन इसकी पंचलाइन “हवा बदल रही है” चंद शब्दों में ही सामाजिक बदलाव की कहानी कह जाती है. विज्ञापन में एक युवा जोड़ा कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन करता सा नजर आता है ...