बुधवार, 25 सितंबर 2024

पाठकों ने इस तरह बना दिया ‘अयोध्या 22 जनवरी’ पुस्तक को दस्तावेज

और ‘अयोध्या 22 जनवरी’ पुस्तक से दस्तावेज बन गई। अखबारों में आज छपी खबरों, मीडिया की नामचीन हस्तियों की संजीदा मौजूदगी, परिजनों,पत्रकारीय जीवन के साथियों, आकाशवाणी की टीम और विभिन्न क्षेत्रों के अनेक जाने माने लोगों की उपस्थिति और उनकी प्रतिक्रियाओं ने ‘अयोध्या 22 जनवरी’ को दस्तावेज बना दिया।  

शनिवार 29 जून को रीडर्स क्लब भोपाल के ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम के दिन मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश की चेतावनी देकर डरा दिया था। इसके बाद दिन चढ़ते ही शैतान बादलों ने अपनी धुंआधार कलाबाजियों से मौसम विभाग की चेतावनी को सच्चाई बना दिया। हम मतलब Manoj Kumar  भैया, मेरे हमनाम Sanjeev Persai ,अपनी ही राशि के Sanjay Saxena  और हम कदम Manisha Sanjeev जी..फिक्रमंद थे कि ऐसी बरसात में कोई कैसे आ पाएगा? लेकिन पढ़ने/सुनने/कहने की पुस्तक प्रेमियों की चाह को बारिश की धमा चौकड़ी भी नहीं रोक पाई। 

कुछ भीगते,कुछ बचते बचाते लोग जुटने लगे और चार बजे के लिए निर्धारित कार्यक्रम में साढ़े चार बजे तक 9 मसाला रेस्त्रां का सभागार खचाखच भर गया (वैसे भी, भारतीय समय तो यही है कार्यक्रम शुरू होने का)। वैसे, सर्व गुण संपन्न पत्रकार Ahmad Rashid Khan  ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि बेफिक्र रहिए सर, बहुत लोग आएंगे। साथ ही, मौसम वैज्ञानिक Gurudatta Mishra जी की मौजूदगी से भी हम आश्वस्त हो गए थे कि बाकी लोगों को भी आने का मौका मिलेगा।

 पहले मूल रूप से लगाई गई कुर्सियां भरी, फिर अतिरिक्त और उसके बाद व्यवस्थापकों ने हाथ खड़े कर दिए कि अब और कुर्सियां नहीं लग सकती और न ही अब कुर्सियां बची हैं। जगह की हो रही कमी को महसूस कर पहले परिजनों ने कुछ कुर्सियां छोड़ी और बाद में आकाशवाणी के साथियों ने दिल बड़ा किया ताकि मेहमान बैठ सकें। कुछ लोगों ने बाहर से रिमझिम के बीच कार्यक्रम का आनंद लिया। फिर अनुशासित प्रस्तोता और संचार विशेषज्ञ संजीव ने कमान संभाली।

 चूंकि कार्यक्रम एक घंटे में समेटना था (उस सभागार में आगे भी एक कार्यक्रम था और हमने तय भी यही किया था) इसलिए वक्ता भी सीमित रखे गए थे लेकिन पाठकों पर किसी का जोर चला है क्या…!! स्थिति यह बन गई कि मूल वक्ता पीछे छूट गए और उत्साही पाठक बोलते गए। संजीव ने समय की कमी के मद्देनजर भरपूर प्रयास किए और एडवोकेट Yogesh Verma  जैसे कुछ अपने लोगों को सादर न बोलने के लिए मना भी लिया तो Pushpendra Mishra जी जैसे वक्ताओं को समय की सीमा में बांध दिया। फिर भी, वरिष्ठ पत्रकार चंद्रहास शुक्ला,मौसम वैज्ञानिक और मेरे छात्रावासी जीवन के वरिष्ठ गुरुदत्त मिश्रा जी, जाने माने योग गुरु Devi Dayal Bharti  जी, भारतीय सूचना सेवा के साथी Ajay Upadhyay , वरिष्ठ पत्रकार शुरैई नियाजी,जनसंपर्क अधिकारी रीतेश दुबे, जाने माने कमेंट्रैटर Prashant Singh Sengar ,समाचार वाचक Dharana Sachdev और राशिद अहमद खान को अपनी बात रखने का मौका मिल ही गया।

 मनीषा जी को भी अपने मनोभाव समेटने पड़े तो मनोज भैया ने अपना संबोधन और संजीव ने अपनी पटकथा सीमित कर ली। वरिष्ठ पत्रकार Ajay Bokil , Sarman Nagele, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी Manoj Dwivedi ,भारतीय सूचना सेवा के Prashant Sharma और समीर वर्मा, मित्र @सुरेंद्र गुप्ता और Hema Gupta  जी, डा अनामिका रावत, जानी मानी पत्रकार, उद्घोषक Sanyukta Banerjee , समाजसेवी और पर्यावरणविद डा रचना डेविड सहित कई विशिष्ट जनों की मौजूदगी ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ा दी।

 इसके बाद शुरू हुआ अनूठा प्रश्नोत्तर सत्र। दोस्त,लेखक और संचारक संजय सक्सेना ने अपनी रोचक शैली में प्रश्नों के गोले दागे और हम भी निर्भीक सिपाही की तरह शब्दों की ढाल से उनका सामना करते गए। पुस्तक क्यों से लेकर हर पुस्तक के शीर्षक में अंकों के इस्तेमाल,हर लेख में चौपाई क्यों जैसे प्रश्नों के जरिए संजय ने ‘अयोध्या 22 जनवरी’ के लेखन के पीछे की कहानी पाठकों तक पहुंचा दी।

 तब तक 9 मसाला रेस्त्रां की टीम गरमा गरम पकौड़े और चाय लेकर हाजिर हो गई। बारिश के बीच चाय पकौड़े की भारतीय मेजबानी और मनमोहक/लज़ीज़ सुगंध भी उपस्थित लोगों के बोलने/सुनने के इरादों को डिगा नहीं सकी। दरअसल, घड़ी की सुइयां शाम के 6 बजे के आगे पहुंच गई थी इसलिए अगले आयोजन की तैयारी के मद्देनजर 9 मसाला की टीम चाहती थी कि लोग जल्दी खाएं और जाएं..पर  सभागार में मौजूद लोगों के इरादे थे कि खायेंगे जरूर पर जाएंगे पूरा सुन/देख कर ही। 

 खैर, किसी तरह बोलने सुनने का दौर थमा तो स्मृतियों को सहेजने के लिए मोबाइल के कैमरे मैदान में आ गए…अनगिनत फोटो, मौके पर खरीदी गई दर्जनों किताबों पर हस्ताक्षर का गौरव, ढेर सारी सराहना और फिर ऐसे ही किसी आयोजन में मिलने के वादे के बीच यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। 

कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण चरण यह था कि शुरुआत में रीडर्स क्लब ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रोफेसर शरद पगारे को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखा।

 #अयोध्या22जनवरी 

#ayodhya22january

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