मिशन दिव्यास्त्र: हर दुश्मन तक सटीक निशाना
छोटे पर्दे पर धार्मिक कथाओं पर आधारित धारावाहिकों एवं फिल्मों में हम देखते हैं कि युद्ध के दौरान कोई भी अस्त्र शस्त्र अदृश्य हो जाता है और कभी स्मरण करते ही योद्धा के हाथ में आ जाता है, कोई बाण आग बरसाने लगता है तो कोई पानी से उसे बुझाने की क्षमता रखता है,कोई तीर एकसाथ सैकड़ों तीरों की बारिश कर देता है तो कोई पत्थरों की। ये सभी दिव्यास्त्र हैं। 'दिव्यास्त्र' मतलब दिव्य अस्त्र…ऐसे अस्त्र, जो, उनका इस्तेमाल करने वाले के इशारों पर काम करते हों और एक ही बार में दुश्मन के तमाम ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखते हों। ‘दिव्यास्त्र’ शब्द का उल्लेख आमतौर पर प्राचीन भारतीय पौराणिक ग्रंथों और कथाओं विशेषकर महाभारत और रामायण में मिलता है। नई पीढ़ी को इस शब्द से रूबरू कराने में इन ग्रंथों पर बने धारावाहिकों ने अहम भूमिका निभाई है। ऐसा बताया जाता है कि देवताओं और ऋषियों द्वारा प्रदत्त ये अस्त्र विशिष्ट देवताओं से जुड़े होते थे और दिव्य शक्तियों से सज्जित ये हथियार काम पूरा करने के बाद ही वापस लौटते थे। एक बार दिव्यास्त्र छोड़ने के बाद उन्हें रोकना भी मुश्किल होता था इसलिए दिव्यास्त्र...