चीअर्स...दिल्ली के बिअर बाजो...चीअर्स

मशहूर और कालजयी फिल्म 'शोले' में याद है अभिनेता धर्मेन्द्र पानी की टंकी पर चढ़कर सुसाइड-सुसाइड चिल्लाते हैं और अरे रामगढ वालों जैसा चर्चित डायलोग बोलते हैं.वैसे इस पोस्ट का शोले से कोई सम्बन्ध नहीं है बस शीर्षक को शोले के डायलोग जैसा बनाने की कोशिश की है.हाँ एक समानता ज़रूर है कि धर्मेन्द्र ने शराब पीकर वह सीन किया था और हमारे दिल्ली वाले बिअर पीकर रिकॉर्ड बना रहे हैं.हालाँकि दिल्ली वाले अपने कारनामो के चलते दुनिया और खासतौर पर देश में खूब नाम कमाते रहते हैं. कभी संसद पर हमले के कारण तो कभी बीएमडव्लू जैसी कारों को आम आदमी पर चढ़ाकर और कभी मतदान के दौरान वोट न डालकर.इसके बाद भी बढ़-चढ़कर बोलने में किसी से पीछे नहीं रहते.
अब दिल्ली वालों ने बिअर पीने का नया रिकॉर्ड बनाया है. वे मात्र एक माह में १५ लाख क्रेट से ज्यादा बिअर डकार गए.सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मई के महीने में दिल्ली के लोगों ने १५,२२,८२९ क्रेट बिअर पी.अब माय के शौकीनों को यह बताने कि ज़रूरत नहीं है कि एक क्रेट में १२ बोतलें आती हैं.तो ज़रा ऊपर कि संख्या को १२ से गुणा करके देखिये की बिअर पीने में हम राजधानी वालों ने पानी पीने वालों को भी पीछे छोड़ दिया है. वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है जब दिल्ली के बिअरबाजो ने एसा रिकॉर्ड बनाया है.इसके पहले अप्रैल के महीने में भी वे १४.८ लाख क्रेट बिअर पी गए थे. यह बात अलग है कि मई में उन्होंने अप्रैल से ३० गुणा ज्यादा बिअर पी हैऔर यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है.वैसे बिअर पीने के लिए दिल्ली वालों को दोषी ठहराना उचित नहीं है क्यूंकि जब पारा हमेशा ४६ डिग्री के पार रहेगा और बिजली ज़्यादातर गुल रहेगी तो आदमी बिअर न पिए तो क्या करे!
वैसे कई बिअर बाजों का कहना है कि वे नशे के लिए नहीं बल्कि बिअर को दवाई के तौर पर पीते हैं. उनका कहना है कि बिअर पीने से किडनी का स्टोन(पथरी) ठीक हो जाती है.बिअरबाजों का दावा है कि बिअर से पथरी घुल जाती है. यह बात अलग है कि डॉक्टर इस बात को गलत बताते हैं.डॉक्टरों का तो यहाँ तक कहना है कि बिअर ज्यादा पीने से स्टोन की सम्भावना और भी ज्यादा बढ़ जाती है.अब हुम क्या कहे क्यूंकि पीने वालों को तो पीने का बहाना चाहिए.....

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