कण कण में राम,जन जन में राम

बंदउँ अवध पुरी अति पावनि, स रजू सरि कलि कलुष नसावनि। प्र नवउँ पुर नर नारि बहोरी, ममता जिन्ह पर प्रभुहि न थोरी।। भावार्थ- मैं अति पवित्र श्री अयोध्यापुरी और कलियुग के पापों का नाश करने वाली श्री सरयू नदी की वन्दना करता हूँ। फिर अवधपुरी के उन नर-नारियों को प्रणाम करता हूँ, जिन पर प्रभु श्री रामचन्द्रजी की बहुत ममता है। देश की नई देश की आध्यात्मिक और धार्मिक राजधानी अयोध्या भगवान श्री राम की जन्म भूमि के लिए दुनिया भर में मशहूर है। जाहिर सी बात है जहां साक्षात रामलला का जन्म हुआ हो उसे स्थान से बढ़कर और क्या हो सकता है। लेकिन सजती संवरती और नई अयोध्या को देखने के लिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अयोध्या में रामलला विराजमान या श्री राम जन्मभूमि के अलावा और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा । अयोध्या प्राचीन काल से ही साधु संतों और मठ मंदिरों की नगरी रही है। यहां करीब 6000 से ज्यादा मंदिरों की मौजूदगी मानी जाती है। स्कंद पुराण में भी इस बात का उल्लेख है और कई ब्रिटिश इतिहासकारों ने भी अपने लेखन में अयोध्या में इतनी बड़ी संख्या में मंदिरों की मौजूदगी का उल्लेख किया है । अयोध्या वि...