मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

रामलला को समर्पित सबसे अलग-सबसे अनूठा

रमानाथ जहँ राजा सो पुर बरनि कि जाइ। अनिमादिक सुख संपदा रहीं अवध सब छाइ।।

 भावार्थ:स्वयं लक्ष्मीपति भगवान्‌ जहाँ राजा हों, उस नगर का कहीं वर्णन किया जा सकता है? अणिमा आदि आठों सिद्धियाँ और समस्त सुख-संपत्तियाँ अयोध्या में छा रही हैं

अयोध्या में रामलला के नए भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद दुनिया भर में उत्साह का माहौल है। लोगों की खुशियों का पारावार नहीं है और वे रामलला पर सर्वत्र न्यौछावर करने को तत्पर हैं। हर आम ओ खास इतना उल्लासित है कि वह अपने आराध्य को अपनी ओर से कुछ अलग,कुछ अनूठा और कुछ नया समर्पित करने के प्रयास में जुटा है। हर व्यक्ति अपनी हैसियत के मुताबिक अपने प्रभु और आराध्य को तन मन धन और अंतर आत्मा की गहराइयों से अपना अगाध प्रेम,श्रद्धा एवं समर्पण को भाव रूप में अर्पित करने के लिए आतुर है। कुछ लोग अपना भक्तिभाव समर्पित कर चुके हैं, कुछ कर रहे हैं और कुछ लोग तैयारियों में जुटे हैं। आम लोगों ने श्रद्धा पूर्वक दिए गए चंदे से पहले ही मंदिर ट्रस्ट का खज़ाना लबालब भर दिया है इसलिए अब कुछ अलग और कुछ अनूठा समर्पित करने की बारी है इसलिए दुनिया भर के सनातनी अपने आराध्य को एक से बढ़कर एक अनूठे और अचंभित करने वाले उपहार भेंट कर रहे हैं।

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले राम मंदिर के लिए भेजे गये विशेष उपहारों में गुजरात के बड़ोदरा से समर्पित की गई 108 फुट लंबी अगरबत्ती, उत्तरप्रदेश के जलेसर से आया 21 सौ किलो का घंटा, गुजरात से आया पंचधातु का बना 11 सौ किलो का भारी भरकम विशाल दीपक, हैदराबाद से चल्ला श्रीनिवास शास्त्री के साथ आए सवा किलो सोने चांदी के बने खड़ाऊं, चेन्नई से बनकर आया ढाई किलो सोने चांदी से बना धनुष, अलीगढ़ से भेंट किया गया खास प्रकार का 10 फुट का ताला चाबी, अहमदाबाद में बना 500 किलो का नगाड़ा, मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर और तिरुपति से विशेष रूप से प्रसाद के लिए आए लाखों लड्डू और एक साथ आधा दर्जन देशों का समय एक साथ बताने वाली घड़ी प्रमुख हैं. श्रीराम को समर्पित उपहारों की श्रृंखला इतनी लंबी है कि गिनाते गिनाते कई पन्ने भर जाएंगे और सूची पूरी हो पाएगी। इसके अलावा, नेपाल से आए आभूषण और विशेष वस्त्र सहित विभिन्न वस्तुएं भी हैं।

उपहारों की सूची में सबसे प्रमुख श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका से लाई गई विशेष शिला हैं। रामचरित मानस के अनुसार रामायण के अनुसार रावण ने माता सीता का अपहरण करने के बाद उन्हें अशोक वाटिका में ही रखा था और ऐसी मान्यता है कि सीता जी इसी शिला पर बैठती थी।

आइए, अब एक नजर कुछ खास उपहारों और उनके जन आकर्षण बनने की वजह पर डालते हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में रही 108 फुट लंबी अगरबत्ती को तैयार करने में करीब छह माह का समय लगा है। अगरबत्ती का वजन लगभग 36 सौ किलो और चौड़ाई 3.5 फीट है. अगरबत्ती तैयार करने वाले वडोदरा निवासी विहा भरवाड का कहना है कि यह अगरबत्ती पर्यावरण के अनुकूल है और लगभग डेढ़ महीने तक जलेगी और कई किलोमीटर तक अपनी सुंगध फैलाएगी. इस अगरबत्ती को बनाने में तकरीबन 376 किलोग्राम गूगल, लगभग इतनी ही मात्रा में नारियल गोला, 190 किलो घी, 14 सौ किलो गाय का गोबर, 420 किलो जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया है. 

दुनिया भर में तालों के मशहूर अलीगढ़ से भेजा गया ताला दुनिया का सबसे बड़ा ताला है। ताला बनाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा का कहना है कि 10 फीट ऊंचा, 4.6 फीट चौड़ा और 9.5 इंच मोटा यह ताला और चाबी 400 किलो का  है। अष्टधातु से बना 21 सौ किलो वजन का घंटा भी दो साल में बनकर तैयार हुआ है।

भारत के साथ साथ जापान, रूस,यूएई, चीन, सिंगापुर, मेक्सिको, अमेरिका का समय बताने वाली अनूठी देशी घड़ी भी अब भगवान राम के खजाने का हिस्सा है। इसी तरह, सूरत से भेजा गया अमेरिकी हीरे और चांदी से बना राम मंदिर की थीम हार भी खास है। इसे बनाने में चालीस कारीगर और  लगभग एक महीने का समय लगा है। वडोदरा से आया 11 सौ किलो का दीपक भी अनूठा है। यहां के किसान अरविंदभाई मंगलभाई पटेल ने पंच धातु सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और लोहे से यह दीपक बनवाया है। 





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