ये है रहमान साहब का थीम सॉंग....
ये इंडिया बुला लिया, दीवानों ये इंडिया बुला लिया।
ये तो खेल है बड़ा मेल है मिला दिया
हो रुकना-रुकना-रुकना-रुकना
नहीं, हारना-हारना-हारना-हारना नहीं
जुनून से कानून से मैदान मारो... लेट्स गो
हे ओ जियो हे ओ लेट्स गो
पर्वत-सा ऊंचा हूं गुल तो ये
दुनिया सलामी दे
सर्द इरादे न हो जाएं कहीं
दिल को वो सूरज दे।
जियो, उठो, बढ़ो, जीतो
तेरा-मेरा जहां लेट्स गो।
कैसी सजी है
सही है देखो माटी अपनी
बनी रसिके जहां यारा हो
कई रंग है बोली है, कहीं देश है मगन
कैसे जग है समाया सारा हो। ओ-ओ
लागी रे लागी रे अब लागी रे लगन
ओ-ओ / जागी रे मन जीत की अगन
ओ-ओ / उठो रे अब इरादों में तपन
ओ - ओ / चली रे चली जोड़ी बन - ठन।
हे ओ जियो हे ओ लेट्स
कदमों में इक भंवर का है दिन
जश्न का आज दिन है
सीनों में तूफान का है दिन
बाजू आजमा ये दिन है दिन है तेरा दिन है
तू जोर लगा चल आंख मिला कल न
आए दिन ये
जियो , उठो , बढ़ो , जीतो
हे ओ जियो हे ओ लेट्स गो।
तेरा - मेरा जहां लेट्स गो।
और ये है पलाश सेन द्वारा रचित दिल्ली का थीम सॉंग....
ये शहर मेरी जान , इसका
नाम है मेरी पहचान ,
मेरी सांसों में बसा , इस हवा का नशा ,
मेरा दिल , मेरा पता , मेरी शान
दिल्ली है मेरी जान , दिल्ली है मेरी जान ...
कहती कोई कहानी , ये गलियां ये बस्तियां ,
राहों को सजाए पेड़ों की डालियां ,
सबसे है प्यारा शहर हमारा ,
मेरा दिल , मेरा पता , मेरा शान ...
दिल्ली है मेरी जान
भागता फिर रहा हर इंसान यहां ,
दिल में है बसाए जीने का अरमान ,
सबका शहर , शहर हमारा ,
मेरा दिल , मेरा पता , मेरी शान ,
दिल्ली है मेरी जान