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जब पनीर समझकर सुअर सेंडविच खा गए एक बाईट-वीर...!!!

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जापान जैसा मैंने जाना-3 जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन को कवर करने जापान पहुंचे दुनियाभर के पत्रकारों के लिए ओसाका में बने इंटर-नेशनल मीडिया सेंटर में एप्पल सेंडविच और पाइन-एप्पल पेटिस पर हाथ साफ़ करते हुए हमारे एक पत्रकार साथी ने पनीर-क्रीम सेंडविच का बड़ा सा पीस मुंह में ठूंसते हुए कहा-बहुत ही जोरदार है,आप भी लीजिए! अपन ठहरे लकीर के फ़क़ीर...हर डिश को समझकर-पढ़कर खाने वाले,इसलिए उनकी सलाह पर अमल से पहले एक चक्कर लगाकर उस सेंडविच का नाम तलाशा तो उस पर जो लिखा था उसका मतलब पूछने पर पता चला कि वह सेंडविच सुअर के मांस की है!! अब उन पत्रकार मित्र का हाल मत पूछिये क्योंकि तब तक वे आधी से ज्यादा सेंडविच हलक से नीचे उतार चुके थे और अब न उगलते बन रहा था और न ही निगलते. हालाँकि, इसमें उस बेचारे की भी कोई गलती नहीं थी क्योंकि यदि मैं आपसे कहूँ कि सुशी, साशिमी, टेम्पुरा,याकीतोरी,उडोन,सोबा,कैसेकी,सुकीआकी, सुकमोनो अचार और मिसो सूप...इन नामों को सुनकर कुछ समझ आया..तो आप भी आश्चर्य से पलकें झपकाते रह जाएंगे क्योंकि जब मुझे जापान जाने के बाद भी समझ नहीं आया तो आप खाली नाम पढ़कर कैसे समझ सकते हैं...च

आर यू सिंपल वेजीटेरियन या हिन्दू वेजीटेरियन?

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जापान जैसा मैंने जाना-2 कैथी पैसिफिक एयरलाइन्स के विमान में खाना परोसते हुए एयर होस्टेस ने पूछा- यू आर वेजीटेरियन? मेरे हाँ कहते ही उसने तत्काल दूसरा सवाल दागा- विच टाइप आफ वेजीटेरियन....मीन्स सिंपल वेजीटेरियन या हिन्दू वेजीटेरियन? अपनी लगभग ढाई दशक की नौकरी में यह सवाल चौंकाने वाला था क्योंकि अब तक तो शाकाहारी का एक ही प्रकार अपने को ज्ञात था। अब शाकाहार भी हिन्दू-मुस्लिम टाइप होता है इसकी जानकारी जापान यात्रा के दौरान ही मिली। खैर मैंने बताया कि हिन्दू वेजीटेरियन तो उसने कहा कि आपको 20 मिनट इंतज़ार करना होगा क्योंकि मुझे आपके लिए खाना पकाना पड़ेगा ! अब सोचिए विदेशी विमान में कोई विदेशी व्योमबाला (एयर होस्टेस) कहे कि मैं आपके लिए खाना बनाकर लाती हूँ तो दिल में लड्डू फूटना स्वाभाविक है। लगभग 20-25 मिनट के इंतज़ार के बाद वह बटर में बघारी हुई खिचड़ी,चने की दाल और रोटी के नाम पर ब्रेड के टुकड़े लेकर हाज़िर हुई। उसने भरसक प्रयास किया था कि खाना स्वादिष्ट रहे और अपन ने भी दबाकर खा लिया ताकि उसे भी महसूस हो कि खाना स्वादिष्ट ही था।..खैर इस एक किस्से से यह तो साफ़ हो गया था कि जापान में शाका

अपना सा ही लगता है जापान

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जापान जैसा मैंने जाना -1 भोपाल के श्यामला और अरेरा हिल्स और दिल्ली में रायसीना हिल्स की तरह के पहाड़ी इलाक़े,सफाई में हमारे इंदौर से भी आगे और परिवहन व्यवस्था में मुंबई से कई गुना बेहतर व्यवस्थित मेट्रो-बस-टैक्सियां, सड़कों पर सुकून से साइकिल चलाते महिला-पुरुष और हर अजनबी का हल्की मुस्कराहट से स्वागत करते लोग...ये ओसाका है-जापान का दूसरा सबसे बड़ा शहर और 28-29 जून को हुए दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी- 20 शिखर सम्मेलन का मेजबान शहर। ओसाका (Osaka) का अर्थ ही है ‘बड़ी सी पहाड़ी और ढलान’। जैसा कि मैंने ऊपर लिखा है कि अपने इन्हीं उतार चढाव के कारण ओसाका हमें भोपाल और दिल्ली का सा आभाष देता है। अपनी जापान यात्रा पर कुछ लिखने की शुरुआत किसी शहर के परिचयात्मक उल्लेख से ? यह बात कई लोगों को शायद रास न आए लेकिन ऐसा करने का उद्देश्य यह है कि कम से कम वे लोग भी जापान के ओसाका शहर को और इसके महत्व को समझ सकें जिनके लिए जापान का मतलब बस टोकियो है और वह भी हमारी ‘लव इन टोकियो’ मार्का फिल्मों के जरिये मिले ज्ञान से या फिर हिरोशिमा-नागासाकी बमबारी की घटना के सन्दर्भ में…. जापान को प