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महाकुंभ से कम नहीं है बंगलुरु का हवाई जहाजों का कुंभ

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प्रयाग में गंगा के तट पर लगे आस्था के महाकुंभ   और दिल्ली में ज्ञान कुंभ ' राष्ट्रीय   पुस्तक मेले ' के साथ साथ देश की सिलिकान सिटी बंगलुरु में भी एक अनूठा   महाकुंभ   लगा। इस   कुंभ का नाम था   एयरो इंडिया   । इस कुम्भ का आस्था से तो कोई सरोकार नहीं था   लेकिन ज्ञान के लिहाज से यह सर्वथा उपयोगी था   क्योंकि यहाँ    पिद्दी से ज़ेफायर विमान से लेकर तेजतर्रार तेजस और   भीमकाय ग्लोबमास्टर विमान     तक न    केवल मौजूद थे   बल्कि हवा में अपने करतब भी दिखा रहे थे। जेफायर देखने में तो नन्हा सा है परन्तु यह दुश्मन के इलाके में अन्दर तक जाकर जासूसी कर सेनाओं के लिए आँख कान का काम करता है। ग्लोबमास्टर को तो हम चलती फिरती सेना कह सकते   हैं।इस   विशालकाय   विमान   में   सैनिक , टैंक , टॉप   और   मिसाइल   तक   समा   जाती   हैं।   तेजस   तो   हमारा   अपना   अर्थात   देश   में   बना   लाडला   लड़ाकू   विमान   है   जो   हमारे   वैज्ञानिकों   की   तकनीकी   प्रगति   का   सशक्त   उद