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रूप से ज्यादा गुणों की खान हैं ये विलायती मेमसाहब

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यह विलायती जलेबी है..जो पेड़ पर पायी जाती है। आप इन दिनों हर बाग़ बगीचे में इन लाल-गुलाबी जलेबियों से लदे पेड़ देख सकते हैं बिल्कुल गली मोहल्लों में जलेबी की दुकानों की तरह । जलेबी नाम से ही ज़ाहिर है कि यह हमारी चाशनी में तर मीठी और पढ़ते (लिखते हुए भी) हुए भी मुंह में पानी ला देने वाली रसीली जलेबी के खानदान से है । अब यह उसकी बड़ी बहन है या छोटी..यह अनुसंधान का विषय है। वैसे उम्र के लिहाज़ से देखें तो विलायती जलेबी को प्राकृतिक पैदाइश की वजह से बड़ी बहन माना जा सकता है लेकिन जलेबी सरनेम के मामले में जरूर हलवाइयों के कारखानों में बनी जलेबी का पलड़ा भारी लगता है।..शायद, दोनों के आकार-प्रकार,रूप-रंग में समानता के कारण विलायती के साथ जलेबी बाद में जोड़ा गया होगा। इसे विलायती इमली, गंगा जलेबी, मीठी इमली,दक्कन इमली,मनीला टेमरिंड,मद्रास थोर्न जैसे नामों से भी जाना जाता है। मज़े की बात यह भी है कि जन्म से दोनों ही विदेशी हैं- चाशनी में तर जलेबी ईरान के रास्ते भारत तशरीफ़ लायी है तो उसकी विलायती बहन मैक्सिको से आकर हमारे देश के जंगलों में रम गयीं और दोनों ही अब इतनी भारतीय हो गईं है कि अपनेपन के साथ हर श