जब लोगों ने हाथों की रंग बिरंगी छापों से लिख दिया जय गंगे
प्रयागराज कुंभ: जैसा मैंने देखा (4) आमतौर पर घरों के दरवाजे पर हाथ की छाप या हल्दी लगे हाथों की छाप शुभ मानी जाती है लेकिन हाथों की यह छाप हमें गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी स्थान दिला सकती है… यह किसी ने सोचना तो दूर कल्पना भी नहीं की होगी। प्रयागराज में चल रहा कुंभ अपनी दिव्यता और भव्यता के साथ कई अनूठे रिकार्ड भी गढ़ रहा है। 9 किमी लंबी बस ट्रेन बनाकर रिकार्ड कायम करने के बाद अब कुंभ प्रशासन ने हाथों की छाप से विश्व रिकार्ड बनाया है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने ‘पेंट माई सिटी’ अभियान के अन्तर्गत की गयी चित्रकारी को विश्व पटल पर प्रदर्शित करने के लिए प्रयाग के गंगा पण्डाल में एक हस्तलिपि चित्रकारी कार्यक्रम आयोजित किया। यहाँ एक विशाल कैनवास (पेंटिंग वाल) लगाया गया। इस कैनवास पर सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक सुरक्षा कर्मियों, विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं तथा अनेक संस्थाओं के वालिंयटर्स ने अलग अलग रंगों में अपने हाथों की छाप लगाई । इस हस्तलिपि चित्रकारी में समाज के हर वर्ग ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया, जिसमें मुख्य रूप से विदेशी पर्यटक, सुरक्षा बलों के जवान, स्वच्