क्या हम कुछ दिन प्याज खाना बंद नहीं कर सकते..?
क्या प्याज इतना ज़रुरी है कि वह हमारे दैनिक जीवन पर असर डाल सकता है? प्याज के बिना हम हफ्ते भर भी काम नहीं चला सकते? यदि हाँ तो फिर प्याज के लिए इतनी हाय-तौबा क्यों?और यदि नहीं तो फिर व्रत/उपवास/रोज़ा/फास्ट या आत्मसंयम का दिखावा क्यों? कहीं हमारी यह प्याज-लोलुपता ही तो इसके दामों को आसमान पर नहीं ले जा रही? मेरी समझ में प्याज न तो ऑक्सीजन है,न हवा है, न पानी है और न ही भगवान/खुदा/गाड है कि इसके बिना हमारा काम न चले. क्या कोई भी सब्ज़ी इतनी अपरिहार्य हो सकती है कि वह हमें ही खाने लगे और हम रोते-पीटते उसके शिकार बनते रहे? यदि ऐसा नहीं है तो फिर कुछ दिन के लिए हम प्याज का बहिष्कार क्यों नहीं कर देते? अपने आप जमाखोरों/कालाबाजारियों के होश ठिकाने आ जायेंगे और इसके साथ ही प्याज की कीमतें भी. बस हमें ज़रा सा साहस दिखाना होगा और वैसे भी प्याज जैसी छोटी-मोटी वस्तुओं के दाम पर नियंत्रण के लिए सरकार का मुंह ताकना कहाँ की समझदारी है. अगर आप ध्यान से देखें तो देश में प्याज के दाम बढ़ने के साथ ही तमाम राष्ट्रीय मुद्दे पीछे छूटने लगे हैं. भ्रष्टाचार के दाग फीके पड़ने लगे हैं और टू-जी स्पेक्ट्रम क...