असल सफाई तो वैज्ञानिक सोच और तकनीकी से ही होगी संभव
बिहार के दशरथ मांझी अब हिंदुस्तान के अन्य राज्यों के लिए भी अनजान नहीं हैं। पहाड़ का सीना चीर कर सड़क बनाने वाले मांझी पर बनी फिल्म ‘द माउंटेन मैन’ ने उन्हें घर घर तक पहुंचा दिया है । अब सवाल यह उठता है कि ‘स्वच्छता अभियान में वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकी का उपयोग’ विषय पर निबंध में दशरथ मांझी का क्या काम ! दरअसल मांझी एक ज्वलंत उदाहरण है किसी काम को हाथ में लेकर उसे पूरा करने की दृढ इच्छाशक्ति के और उदाहरण हैं किसी काम को बिना बिना वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग के करने से लगने वाले समय और परिणाम के। मांझी ने 1960 से लेकर 1983 तक तक़रीबन अनवरत पहाड़ काटते हुए एक सड़क बनायीं । इस काम को पूरा करने में उन्हें लगभग 22 साल लग गए । इससे साबित होता है कि यदि हम किसी काम को पूरा करने का दृढ निश्चय कर ले तो फिर पहाड़ भी हमारा रास्ता नहीं रोक सकता । इसी का दूसरा पहलू यह है कि यदि मांझी ने यही काम तकनीकी संसाधनों और वैज्ञानिक सोच के साथ किया होता तो उन्हें तुलनात्मक रूप से समय भी कम लगता और शायद काम भी ज्यादा बेहतर होता। कुछ यही स्थिति हमारे स्वच्छता अभियान की है क्योंकि मांझी को तो मात्...