बुधवार, 19 मई 2010

जानवरों के इंजेक्शन से बच्चियां बन रहीं जवान

सब्जियों का आकार बढाने और जानवरों से ज्यादा दूध हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन अब छोटी बच्चियों को समय से पहले जवान बनाने के लिए लगाया जा रहा है। इससे देशभर के वेश्यावृत्ति के बाजार में नन्हीं लडकियों के शोषण का खतरा बत्रढ गया है।

गौरतलब है कि ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल सामान्य तौर पर जानवरों का दूध बढाने के लिए किया जाता है। इसी तरह सब्जियों का आकार और उनका रंग निखारने के लिए भी आजकल इस इंजेक्शन का इस्तेमाल चोरी-छिपे होने लगा है लेकिन अब वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने से पूर्व मासूम बच्चियों को बडा करने के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाया जाने लगा है। सूत्रों ने बताया कि छोटी बच्चियों को शुरू से ही अच्छी खुराक दी जाती है। साथ में ऑक्सीटोसिन और अन्य हार्मोन बढाने की दवाइयां भी नियमित खिलाई जाती हैं। दस वर्ष की बालिका इस प्रयोग से जवान नजर आती है। उसके शारीरिक बदलाव की रफ्तार अचानक तेजी से बढती है। इससे लडकियों की त्वचा भी अन्य लडकियों के मुकाबले आकर्षण और मुलायम हो जाती है और ग्राहकों को आकर्षित करने में सफल रहती हैं। उधर ऑक्सीटोसिन के इस तरह लडकियों पर किए जा रहे प्रयोग पर चिंता जताते हुए डॉक्टरों ने कहा कि ऑक्सीटोसिन के सेवन से मानव अंगों पर विपरीत असर पडता है। अधिक सेवन से किडनी, हार्ट, लीवर आदि खराब हो जाते हैं। मासूम लडकियों पर इस तरह इसका प्रयोग अमानवीय और अप्राकृतिक कृत्य है।

मंगलवार, 18 मई 2010

वाकई २०० साल जीने लगा आदमी तो क्या होगा?

बाबा रामदेव का कहना है की यदि लोग नियमित योग करें और खान-पण में मर्यादित व्यव्हार करें तो १५० से २०० तक जीने की कल्पना को साकार किया जा सकता है.रामदेव ने तो आजतक न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत में ये दावा भी किया कि वे खुद कम से कम १५० साल तक जीकर दिखायेंगे . आम लोगो के लिए मौजूदा दौर में २०० साल तक जीने की कल्पना किसी स्वप्न जैसी है क्योंकि अभी तो इंसान को ये भरोसा भी नहीं है कि वो कल का सूरज भी देख पायेगा कि नहीं और यदि आप दिल्ली जैसे किसी महानगर में रहते हैं तो फिर आपकी आयु वहां के प्रदूषण,शोर और ब्लू लाइन बसों के चालकों की मर्ज़ी पर निर्भर करेगी.शयद बाबा रामदेव भी ये कारण जानते हैं तभी तो उन्होंने कार बनाने वाली कम्पनिओं की तर्ज़ पर "आदर्श स्थितिओं "वाली शर्त जोड़ दी है.अक्सर कम्पनिया भी तो अपने दावों पर यही तर्क देती हैं कि आदर्श स्थितिओं में ही दावा किया गया माइलेज मिलेगा.वैसे बाबा रामदेव ने अब तक जो भी दावे किये हैं वे बिलकुल सही निकले हैं और अब तो हमारे तथाकथित तर्कवादी और डॉक्टर भी उनके दावो को सही बताकर योग-कपालभाती-अनुलोम विलोम और भ्रामरी करने लगें हैं इसलिए यदि बाबा कह रहे हैं कि इंसान २०० साल तक जी सकता है तो इस बात में भी कुछ न कुछ दम ज़रूर होगा!
सोचिये यदि वास्तव में हम १५०-२०० साल तक जीने लगे तो क्या हाल हो जायेगा जैसे सर्कार को रिटायर्मेंट कि उम्र ६० से बढाकर १२० या १८० साल तक करनी पड़ेगी और फिर नौकरी और छोकरी(विवाह) पाने कि आयु भी बढकर दो गुना से ज्यादा हो जाएगी.फिर लोग कहते सुने जायेंगे कि बिटिया अब साठ कि हो गए है इसलिए जल्दी से कोई अच्छा सा ६५-७० साल का लड़का देखकर उसके हाथ पीले करने हैं. इसीतरह दादा-दादी तथा नाना-नानी नाती-पोते नहीं बल्कि पंती और उसके बाद की कई पीढी के विवाह और बच्चे देखने की बात करेंगे.सबसे ज्यादा मारामारी तो राजनीती में होगी क्योंकि कोई नेता रिटायर ही नहीं होगा.अरे जब आम आदमी ही १५० साल जीने लगेगा तो हमारे नेताओं की उम्र इससे ज्यादा ही होगी.फिर मनमोहन सिंह सालो-साल प्रधानमंत्री बने रहेंगे और सोनिया-गडकरी-लालू और मुलायम जैसे नेता सैकड़ों साल तक अध्यक्ष...कुर्सी की लड़ाई इसी तरह और कठिन होती जाएगी तो तैयार रहिये भविष्य की इस जद्दो-ज़हद के लिए .....

सोमवार, 17 मई 2010

हर साख पे उल्लू बैठा है अंजामे गुलिश्तां क्या होगा..

यात्रिओं को यूँ ही मरने के लिए छोड़ दिया जाता है?मेडिकल शिक्षा का स्तरसुधरने की ज़िम्मेदारी रखने वाले केतन देसाई खुद ही इस स्तर को बिगाड़ने के लिए रिश्वत लेते पकडे जाते हैं ,तकनीकी शिक्षा परिषद् में भी ऐसा ही हो चुका है, दिल्ली के मंत्री को सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा तो उन्होंने होटल पर छापे पड़वा दिए,आई पी एल के आयोजक ही टीमों के साथ मिलकर घोटाला कर रहें हैं और हमारे केन्द्रीय मंत्री कभी चीनी तो कभी दाल के दाम बढवा रहे हैं ,कोई संचार तंत्र को बेचने पर आमादा हैं और कुछ मंत्रिओं के लिए प्रधानमंत्री कोई मायने नहीं रखते इसलिए वे कहीं भी-कभी भी कुछ भी कह बैठते हैं और ये भी नहीं सोचते की इससे देश की प्रतिष्ठा पर क्या असर हो सकता है.इन सब के लिए "में" ज्यादा मायने रखता है बजाय "हम' या अपने देश के! इसलिए कभी-कभी लगता है-क्या होगा हमारे देश का? क्या चुचाप रहते हुए देश को ऐसे लोगों के भरोसे छोड़ देना ठीक है या फिर इन्हें सुधरने के लिए हम सब को मिल-जुलकर कुछ करना चाहिए?आम आदमी आखिर किस पर भरोसा करे?भ्रष्ट नेताओं पर?काली कमाई में जुटे आला अफसरों पर? गरीब जनता के नाम पर पैसा पीट रहे स्वयं सेवी संगठनों पर या फिर आम जनता को लूटने के लिए तैयार बैठे पुलिस विभाग पर?
अस्पताल से डॉक्टर का गायब होना आम बात है?पुलिस का रिश्वत लेना पेशे का हिस्सा हो गया है?नेताओं का आश्वासन देना दर्म बन गया है और दर्म के ठेकेदारों की बैटन में आकर आपस में लड़ना हमारी नियति?देश पर क़र्ज़ बाद रहा है और नेताओं के स्विस बैंकों में खाते...आम आदमी दाल-रोटी के लिए दिन-रत संघर्ष कर रहा है और चंद लोग अपने कुबेर के खजाने के बाद भी आपस में लड़ रहें हैं.महंगी और नई करें रोज सड़कों से बलात्कार कर रहे हैं और बेचारा आम इंसान साईकिल भी नहीं चला पा रहा .महानगरों में लोग बसों में ठुसे जा रहें हैं परचंद फीसदी कार सवारों को बीआरटी से दिक्कत है क्यूंकि यह उनका रास्ता कम कार रहा है उन्हें इस बात की परवाह नहीं है की इससे कुल जनसँख्या के ७० फीसदी बस में चलने वाले आम लोगों को राहत मिलेगी .सब को आपनी पड़ी है ...देश के बारे में सोचना समय की बर्बादी हो मन जाने लगा है?ऐसे में क्या होगा हमारे देश का....?सोचिये..?

अलौलिक के साथ आधुनिक बनती अयोध्या

कहि न जाइ कछु नगर बिभूती।  जनु एतनिअ बिरंचि करतूती॥ सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी॥ तुलसीदास जी ने लिखा है कि अयोध्या नगर...