मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

अलौलिक के साथ आधुनिक बनती अयोध्या

कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। 

जनु एतनिअ बिरंचि करतूती॥

सब बिधि सब पुर लोग सुखारी।


रामचंद मुख चंदु निहारी॥


तुलसीदास जी ने लिखा है कि अयोध्या नगरी के ऐश्वर्य का वर्णन ही नहीं किया जा सकता है। ऐसा जान पड़ता है, मानो ब्रह्मा जी की कारीगरी बस इतनी ही है। श्रीरामचन्द्र जी के मुखचन्द्र की छटा देखकर सभी नगरवासी हर प्रकार से सुख की अनुभूति कर रहे हैं।



अयोध्या हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना को जागृत करने वाला शहर है । मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्म भूमि और सनातन धर्म की आस्था का केंद्र अयोध्या अपने नए भव्य राम मंदिर की दिव्यता के साथ साथ वर्तमान की आवश्यकता और सुनहरे भविष्य को नई दिशा देने में भी जुटी है। अयोध्या में मंदिर के साथ-साथ कई और विकास योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है और इन परियोजनाओं के जरिए अयोध्या को अंतर राष्ट्रीय पटल पर प्रमुखतम आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र की पहचान दिलाने के लिए तमाम प्रयास किया जा रहे हैं।

 उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करते हुए अयोध्या में करीब 60,000 करोड रुपए के निवेश से तमाम विकास कार्य किया जा रहे हैं। सदियों  के संघर्ष के बाद अपने विकास और पुरुद्धार से नई कहानी लिख रही सप्तपुरियों में प्रथम अवधपुरी विकास का नया मॉडल बन रही है। 

अयोध्या के चहुंमुखी विकास के लिए आठ परिकल्पनाओं के आधार पर विकास कार्य किया जा रहे हैं जिससे एक बार फिर साकेत पुरी को एश्वर्य पूर्ण नगरी बनाने का सपना साकार हो सके। इन आठ परिकल्पनाओं को सांस्कृतिक अयोध्या, सक्षम अयोध्या, आधुनिक अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, भावात्मक अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या और आयुष्मान अयोध्या का नाम दिया गया है। अयोध्या को भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में तैयार किया जा रहा है । यहां मौजूद मठ-मंदिरों और आश्रमों को भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है। वहीं, 15 करोड रुपए की लागत से वैभवशाली नगर द्वारों का निर्माण और मंदिर संग्रहालय जैसे तमाम कार्य इस परिकल्पना को नया रूप दे रहे हैं। अयोध्या को सक्षम अयोध्या के रूप में भी तैयार किया जा रहा है। जहां आत्मनिर्भर नगरी के रूप में यह रोजगार, पर्यटन, धर्म और सांस्कृतिक गतिविधियों के जरिए आजीविका का बड़ा केंद्र बनेगी। अयोध्या को आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने के लिए स्मार्ट सिटी, सेफ सिटी, सोलर सिटी और ग्रीन फील्ड टाउनशिप जैसी तमाम योजनाएं आकार ले रही है। अयोध्या का सुगम्य अयोध्या के रूप में भी विकास जारी है। इसके लिए करीब 1400 करोड रुपए की लागत से बना महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया गया है। यहां से उड़ान सेवाएं शुरू हो गई हैं। इसी तरह करीब ढाई सौ करोड रुपए में अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का विकास किया गया है जहां पर्यटकों को नवीनतम और आधुनिकतम ट्रेन एवं रेल सुविधाएं मिलेंगी। इनलैंड वॉटरवे जैसे परिवहन के साधनों के जरिए हर व्यक्ति के अयोध्या तक पहुंचने को सुगम बनाया जा रहा है अयोध्या को सुरम्य अयोध्या के रूप में भी तैयार किया जा रहा है । इसके लिए अयोध्या के विभिन्न कुंडों, तालाबों और प्राचीन सरोवरों के सौंदरीकरण के साथ-साथ उनका कायाकल्प भी किया जा रहा है । नए उद्यानों का निर्माण हो या फिर हेरिटेज लाइट्स के जरिए शहर को सुंदर स्वरूप प्रदान करना हो, सड़कों को फसाड लाइटिंग से जगमग करना हो या फिर अन्य इलाकों का सौंदरीकरण… अवधपुरी को हर तरह से मनमोहन नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। अयोध्या के भावनात्मक पक्ष का खासतौर पर ध्यान रखते हुए इसे सजाया और संवारा जा रहा है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि अवधपुरी के कण कण में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से जुड़ने का भाव बसा हुआ है इसलिए शहर की दीवारों, सड़कों के किनारे और चौक-चौराहों तक को सांस्कृतिक रूप से सुसज्जित किया जा रहा है। अयोध्या की पहचान स्वच्छ अयोध्या के रूप में भी कायम की जा रही है इसलिए यहां साफ सफाई से लेकर ड्रेनेज और सीवर सिस्टम पर भी विस्तार से काम हो रहा है । अयोध्या को आयुष्मान अयोध्या बनाने की भी तैयारी है । यहां आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण और आसान सुविधा के साथ चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है। यहां के राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में 246 करोड रुपए खर्च कर आपातकालीन चिकित्सा की तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। अयोध्या में मंदिर के अलावा भी आम लोगों के देखने के लिए बहुत कुछ होगा। यहां के मंदिर संग्रहालय में प्रसिद्ध भारतीय मंदिरों के इतिहास की झलक देखने को मिलेगी तो मोम संग्रहालय में रामायण के प्रमुख पात्रों की मूर्तियां भी हो मूर्तियां होगी। 2 एकड़ में फैला यह मोम संग्रहालय अपने आप में अनूठा होगा। अयोध्या आने वाले पर्यटक अयोध्या हाट के जरिए सरयू नदी के किनारे तमाम आध्यात्मिक और पारंपरिक सामग्री की खरीदारी कर सकेंगे । वहीं संध्या सरोवर में खुली हवा के साथ वोटिंग, जिप लाइनिंग और स्लैकलाइनिंग जैसी सुविधाओं और लजीज व्यंजनों का आनंद उठा सकेंगे । इसके अलावा टेंट सिटी भी होगी जहां पर्यटक खुली हवा में सितारों से भरे आसमान का नजारा ले सकेंगे। अयोध्या को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित पहला शहर बनाने के प्रयास भी जारी है । यह शहर अपने भव्य दीपोत्सव के जरिए पहले ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कर चुका है इसलिए अब यहां दीपोत्सव के साथ-साथ सभी मेलो को राजकीय दर्जा दिया गया है । अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान की स्थापना भी की जा रही है । इसके अलावा 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है ताकि आम लोग आसानी से ईश्वर की आराधना कर सकें। भविष्य में यहां करीब 4400 करोड रुपए की लागत से बन रहे 147 किलोमीटर लंबे राम वन गमन पथ का नजारा भी लोगों को देखने को मिलेगा।

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