मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

बहुजन हिताय बहुजन सुखाय

रेडियो अपनी स्थापना के बाद से ही सूचना, शिक्षा और मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम रहा है। समय के साथ रेडियो ने भले ही अपने रूप, आकार,प्रकार और नाम बदले हो लेकिन उसके मूल में हमेशा ही यह तीन सिद्धांत कायम रहे हैं । फिर चाहे 8 फुट के एंटीना से चलने वाला रेडियो हो या फिर जेब में मौजूद मोबाइल के जरिए हर व्यक्ति तक पहुंच रहा रेडियो। आकाशवाणी हो या ऑल इंडिया रेडियो या कोई और चैनल, रेडियो ने हमेशा ही बहुजन हिताय बहुजन सुखाय

की नीति पर चलते हुए सूचना और शिक्षा के साथ मनोरंजन का बीड़ा उठाया है। जब हम बहुजन हिताय बहुजन सुखाय की बात करते हैं तो इसमें बच्चों से लेकर परिवार के सबसे बड़े बुजुर्ग सदस्य तक शामिल होते हैं। यही कारण है कि रेडियो या यूं कहें कि आकाशवाणी ने हमेशा ही अपने विविधता भरे कार्यक्रमों और तथ्य परक समाचारों के जरिए सही सूचना और मनोरंजन पहुंचाने का दायित्व निभाया है।  दशकों से लेकर हाल में हुई कुछ घटनाओ के संदर्भ में देखें तो रेडियो हमेशा ही जनमानस का सबसे बड़ा साथी बनकर उभरा है। चाहे असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में आने वाली बाढ़ हो या फिर देश भर को सदमे में डालने वाली बीमारी कोविड 19 आकाशवाणी ने आगे बढ़कर लोगों को सही सूचनाये देने में सबसे अहम भूमिका निभाई है। भोपाल में गैस त्रासदी के दौरान तो आकाशवाणी की टीम  ने संजीवनी बनकर लोगों का जीवन बचाने के लिए स्वयं की परवाह भी नहीं की थी। इसी तरह कोरोना संक्रमण के दौर में भी, जब लोग घरों में कैद  थे तब भी आकाशवाणी ने हर घंटे प्रसारित समाचारों,  सटीक जानकारी,  सूचना परक कार्यक्रमों और पूरे परिवार के मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराकर लोगों को न केवल घरों में बांधे रखा बल्कि उन्हें किसी भी अफवाह से बचा कर भी रखा। कुल मिलाकर देखें तो आकाशवाणी ने हमेशा ही राष्ट्रीय प्रसारक की अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है। आप हम भोपाल में यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं और दिल्ली सहित देशभर में मौजूद हमारे साथी  अपने अपने क्षेत्रों में कुछ इसी तरह की भूमिका रहे हैं। एक बार फिर आप सभी को विश्व रेडियो दिवस की अनेक शुभकामनाएं..सुनते रहिए रेडियो,सुनते रहिए आकाशवाणी।

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