मंगलवार, 5 नवंबर 2019

ओसाका कैसल: जापानी वास्तुकला का एक सुंदर वसीयतनामा

जापान जैसा मैंने जाना-7

ओसाका कैसल या ओसाका महल निश्चित रूप से जापान में सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह जापान के तीन सबसे प्रमुख महलों में से एक है। ओसाका कैसल के बारे में भले ही आपको मेरी जापान यात्रा की आखिरी कड़ियों में पढ़ने को मिल रहा हो लेकिन हक़ीक़त यह है कि मैंने ओसाका में सबसे पहले ओसाका कैसल ही देखा था। दरअसल जापान में हवाई अड्डे से हमारी सहयोगी (गाइड-दुभाषिया) ने इस महल की इतनी तारीफ़ कर दी थी कि हमने होटल जाने के बजाए पहले इस महल को देखने का फ़ैसला किया और अब मैं दावे से कह सकता हूँ कि हमने सबसे पहले ओसाका कैसल जाकर कोई गलती नहीं की।
लगभग 450 साल पुराना यह पाँच मंजिला महल देश के सबसे अधिक और सबसे प्राचीन दर्शनीय रचनाओं में शामिल है। ओसाका कैसल को हम पारंपरिक जापानी वास्तुकला का एक सुंदर वसीयतनामा कह सकते है। महल के अंदर प्रत्येक मंजिल पर ओसाका के व्यापक इतिहास को कलाकृतियों के माध्यम से प्रतिबिंबित किया गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक सदियों से यह महल कई उल्लेखनीय ऐतिहासिक घटनाओं का मंच रहा है। ओसाका कैसल अपनी विशाल आकार वाली पत्थर की दीवार के लिए भी प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि इसके निर्माण में लाखों की संख्या में बड़े पत्थरों का उपयोग किया गया है।
यहाँ के इतिहास पर नज़र डाले तो ओसाका कैसल का निर्माण 1583 में जापान में तमाम कबीलों की एकता के पुरोधा टॉयोटोमी हिदेयोशी (Toyotomi Hideyoshi-1536 - 1598) ने किया था लेकिन 1615 के गृह युद्ध के दौरान यह जल गया। इसे तब टोकुगावा बाकुफ़ु (Tokugawa Bakufu-1603 - 1867) के शासनकाल के दौरान फिर से बनाया गया । इस महल और आग के बीच कुछ अज़ीब सा रिश्ता है तभी तो यह महल बार-बार आग का शिकार बनता रहा और फ़ीनिक्स पक्षी की तरह पुनः नवनिर्मित होता रहा है। बताया जाता है कि 1665 में बिजली गिरने के कारण इस महल को फिर काफी नुकसान पहुंचा। इतना ही नहीं, एक बार फिर बने इस महल में 1868 में फिर आग गई। बार बार आग लगने की घटनाओं के कारण इसके फिर से निर्माण का इरादा त्याग दिया गया लेकिन ओसाका के लोगों की प्रबल इच्छाओं के कारण, 1931 में इसे फिर से सजाया-संवारा गया । तब से यह महल बिना किसी क्षति के ओसाका का गौरव गान बन गया है और बार-बार जलने/नष्ट होने के बाद भी यह भव्य महल आज भी अपनी वैभवशाली विरासत को समझाने और दिखाने में कामयाब है। कहा तो यह भी जाता है कि प्रारंभिक काल में लकड़ी से बने इस महल की आंतरिक साज सज्जा सोने की थी।
ओसाका कैसल की सुन्दरता में चार चाँद इसके आसपास बना पार्क लगा देता है । लगभग 10 लाख वर्गमीटर में फैला ओसाका कैसल पार्क भी 1931 में बनाया गया था और यह पार्क चेरी ब्लॉसम फूलने के दौरान दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। ओसाका कैसल का एक अन्य आकर्षण,इसके आसपास बनी गहरी खाई है। इसमें चलने वाली रंग-बिरंगी नावों के जरिये भी यहाँ के प्राकृतिक वैभव से रूबरू हुआ जा सकता है। ओसाका कैसल परिसर में नौका विहार के दौरान दिल्ली के पुराने किले ने बोटिंग करने जैसा लगता है,हालाँकि यहाँ वाहनों का शोरगुल नहीं है जो दिल्ली में किसी भी पर्यटन स्थल का सबसे कड़वा सच है।
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