हंगामा है क्यों बरपा..शादी ही तो की है!!

गुलाम अली की यह एक लोकप्रिय ग़ज़ल है- ‘हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है, डाका तो नहीं डाला, चोरी तो नहीं की है।’ अकबर इलाहाबादी की लिखी इस ग़ज़ल का मतलब है- ‘ जरा सी बात पर बेवजह शोर क्यों मचा है, क्यों हंगामा कर रहे हैं।’ इस ग़ज़ल का उल्लेख इसलिए क्योंकि कुछ इसी तरह के हंगामे की स्थिति देश के सोशल मीडिया और मीडिया की ‘वायरल प्रवृत्ति’ ने हिमाचल प्रदेश में हुई एक शादी को लेकर बना रखी है। उनके लिए यह शादी किसी अजूबे से कम नहीं है और जब विषय वायरल होने का माद्दा रखता हो तो फिर सोशल मीडिया के वीर कैसे पीछे रह सकते हैं। दरअसल,हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय के दो भाइयों द्वारा एक ही लड़की के साथ विवाह करने के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि देश तो देश, विदेशी मीडिया हाउस भी इसमें दिलचस्पी दिखाने लगे। सामान्य रूप से सामाजिक परंपराओं के लिहाज से यह विवाह अलग और अनूठा भी है लेकिन उस क्षेत्र और समुदाय के लिए सामान्य बात है। यही वजह है कि जब मीडिया ने उस गांव या समुदाय के लोगों से इस विवाह पर प्रतिक्रिया मांगी तो अधिकतर का यही उत्तर था कि इसमें नई बात क्या है? इनका कहना गलत भी नहीं...