6 डिग्री तापमान में गर्मी..भगवान बचाए!!

यदि आप अपने शहर की 40-42 डिग्री की गर्मी में 20 से 22 डिग्री पर एसी चला कर जीवन का आनंद ले रहे हों और तभी आपका कोई दोस्त या परिचित कमरे में आए और इतने कम तापमान पर भी कहे कि यार कितनी गर्मी है तुम्हारे यहां..तो पक्का मान लीजिए वह हिमाचल प्रदेश से आया है क्योंकि, 22 डिग्री तापमान में गर्मी बस यहीं के लोगों को लग सकती है। 

वाकई, शिमला,कुफरी और ठियोग जैसे तमाम इलाकों में इन दिनों कुछ ऐसा ही तापमान है और यहां के लोगों के लिए गर्मी है। वे मस्त शर्ट और टीशर्ट में घूम रहे हैं। दिन में धूप से बचने के लिए महिलाएं छाता लेकर निकलती हैं जबकि अपन जैसे मैदानी इलाकों के लोग स्वेटर और शाल में भी ठंड से कांपते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक रात में जरूर थोड़ी ठंड हो जाती है जबकि असलियत यह है कि यहां दिन का तापमान 22 से 24 और शाम से भोर तक तो 6 डिग्री और उससे भी कम हो जाता है। 

मौसम विभाग ने भी इस साल यहां एकाध दिन लू चलने की आशंका जाहिर की है जबकि यहां के निवासी भूपिंदर सिंह हेट्टा का कहना है कि अब शिमला में ठंड बची कहां है, दिसंबर तक तो गर्मी पड़ती है..बस, दो महीनों की बर्फ पड़ती थी, वह भी पता नहीं क्यों शिमला से रूठ गई है।

वैसे, शिमला में औसतन 20 से 30 सेंटीमीटर तक सालाना बर्फबारी होती है लेकिन यह मौसम और जलवायु परिवर्तन के आधार पर कम या ज्यादा भी हो सकती है। कुछ सालों में ऊपरी इलाकों जैसे कुफरी और नारकंडा में भारी बर्फबारी के कारण 50 सेंटीमीटर से अधिक भी बर्फ दर्ज की गई है। हालांकि, हाल के वर्षों में ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से बर्फबारी की मात्रा और नियमितता में कुछ कमी देखी गई है।

शिमला की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 2 हजार 205 मीटर यानि करीब सवा सात हजार फीट है। यह हिमालय की तलहटी में स्थित है, जिसके कारण इसकी ऊंचाई और ठंडा मौसम इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाते हैं। खूबसूरत मौसम की ही तरह शिमला को अपने इतिहास, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के कारण कई खूबसूरत नामों से जाना जाता है। इसका सबसे लोकप्रिय नाम पहाड़ों की रानी या Queen of Hills है। यह शिमला का सबसे लोकप्रिय उपनाम है, जो इसकी खूबसूरत पहाड़ियों और औपनिवेशिक आकर्षण के लिए दिया गया है। उच्चारण के लिहाज से स्थानीय लोग इसे सिमला भी कहते हैं।  यह इसका पुराना नाम है, जिसे ब्रिटिश शासन के दौरान इस्तेमाल किया जाता था क्योंकि अंग्रेजों ने इसे अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया था। 

शिमला का एक नाम शयामला भी है जो इसे कहीं न कहीं भोपाल के श्यामला हिल्स से भी जोड़ देता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, शिमला का यह नाम माता काली के एक रूप देवी श्यामला से लिया गया है, जिनका मंदिर यहाँ मॉल रोड पर स्थित है। यहां सालभर श्रद्धालुओं की आवाजाही रहती है। वैसे,यहां तारा देवी और कामना देवी के मंदिर बहुत लोकप्रिय हैं। आमतौर पर देवी मंदिर ऊंची पहाड़ियों पर ही होते हैं लेकिन शिमला क्या पूरा हिमाचल प्रदेश ही ऊंचे पहाड़ों पर बसा है इसलिए यहां के मंदिरों पर यह विशेषता लागू नहीं होती।

खैर, अपने मूल विषय पर लौटते हैं कि यदि आपको सर्दी में सर्दियों जैसी गर्मी या फिर भीषण गर्मी में सर्दी का लुत्फ़ उठाना है तो शिमला जरूर जाएं क्योंकि ईश्वर ने यहां प्राकृतिक एसी लगा दिया है। जब भी आपको अपने गरम कपड़ों, रंगीन चश्मों और कैप का इस्तेमाल करना हो तो यहां का एक टूर कर लीजिए, आपको निराशा नहीं होगी।


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