शिमला में स्कैंडल पॉइंट!! क्या है असल माजरा

पर्यटन स्थल में स्कैंडल प्वाइंट…पर्यटन स्थलों या नामचीन शहरों में सन सेट प्वाइंट, माउंटेन व्यू, लेक व्यू और सुसाइड प्वाइंट जैसे नाम तो हम सभी ने आमतौर पर सुने हैं और ये हमेशा ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहते हैं लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के सबसे लोकप्रिय स्थान का नाम स्कैंडल प्वाइंट भी हो सकता है?

हिमाचल प्रदेश ही नहीं देश दुनिया के सबसे चर्चित पर्यटन स्थल शिमला में पर्यटकों के सर्वाधिक आकर्षण की केंद्र मॉल रोड (स्थानीय लोगों के लिए केवल मॉल) पर स्थित है यह स्कैंडल प्वाइंट। मौजूदा दौर में यह मॉल रोड के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है जहां सबसे ज्यादा संख्या में लोग जुटते हैं और ठंड के दिनों में धूप तापते हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रशासन ने यहां भरपूर मात्रा में बेंच भी लगाई हुई हैं ताकि वे आराम से बैठ सकें।

जैसा कि हम सभी जानते है कि शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी के साथ साथ भारत का एक प्रमुख हिल स्टेशन भी है। यह अपने औपनिवेशिक आकर्षण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए खास तौर पर प्रसिद्ध है। शिमला के केंद्र में स्थित माल रोड को शहर की धड़कन माना जाता है। इसी माल रोड का पश्चिमी छोर स्कैंडल पॉइंट के नाम से जाना जाता है। यह रास्ता आगे जाकर रिज रोड से मिल जाता है। 

 हम यह भी बखूबी जानते हैं औपनिवेशिक काल में शिमला ब्रिटिश भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। माल रोड उस समय ब्रिटिश अधिकारियों, उनके परिवारों और भारतीय रियासतों के राजा-महाराजाओं के लिए एक सामाजिक केंद्र था। कहा तो यह भी जाता है कि उस समय आम भारतीयों को मॉल रोड पर जाने की अनुमति नहीं दी। इसमें कोई अतिशयोक्ति भी नहीं है क्योंकि अंग्रेज हम भारतीयों के साथ दोयम दर्जे के व्यवहार के कुख्यात थे और महात्मा गांधी तक को इस दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था। जाहिर सी बात है कि वे हम काले भारतीयों को उनके मनोरंजन के लिए सृजित मॉल रोड पर कैसे आने देते।

अब आते हैं स्कैंडल प्वाइंट के पीछे की कहानी पर। स्कैंडल पॉइंट का नामकरण 19वीं सदी के अंत में हुई एक कथित घटना से हुआ। लोककथाओं के अनुसार, 1892 में पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह और तत्कालीन ब्रिटिश वायसराय की बेटी के बीच प्रेम प्रसंग की अफवाहें उड़ी थीं। कहानी यह है कि महाराजा, जो अपनी आकर्षक शख्सियत और रईसी के लिए जाने जाते थे, ने वायसराय की बेटी को शिमला में भगा लिया था। यह घटना उस समय के रूढ़िगत ब्रिटिश और भारतीय समाज में एक बड़े विवाद का कारण बनी। इस प्रकरण ने शिमला के सामाजिक दायरे में इतनी हलचल मचाई कि इस स्थान को "स्कैंडल पॉइंट" नाम दे दिया गया। हालांकि, इस कहानी की ऐतिहासिक प्रामाणिकता पर कुछ इतिहासकार संदेह जताते हैं, लेकिन यह किंवदंती स्कैंडल पॉइंट की पहचान का एक अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।

स्कैंडल पॉइंट का इतिहास औपनिवेशिक भारत की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिशीलता को  भी दर्शाता है, जो आज भी शिमला के आगंतुकों को लुभाता है। वैसे भी, स्कैंडल पॉइंट अपनी केंद्रीय स्थिति के कारण लोगों के मिलने-जुलने और गपशप करने का एक प्रमुख स्थान है। यह स्थान न केवल यहां सामाजिक गतिविधियों का केंद्र है बल्कि शिमला की राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों का भी साक्षी है। यहां स्थित जनरल पोस्ट ऑफिस और अन्य औपनिवेशिक इमारतें इस क्षेत्र के प्रशासनिक,ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ा देती हैं ।

स्वतंत्रता के बाद, स्कैंडल प्वाइंट के पास महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की प्रतिमा स्थापित की गई। इसके फलस्वरूप यह स्थान ऐतिहासिक और देशभक्ति का प्रतीक भी है। पंजाब केसरी के नाम से मशहूर लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। यहां दर्ज विवरण के अनुसार उनकी यह प्रतिमा लाहौर से लाकर इस स्थान पर 15 अगस्त 1948 को स्थापित की गई थी ।

आज, स्कैंडल पॉइंट शिमला के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है। यह अपने खुलेपन और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहां से हिमालय की चोटियों का मनोरम दृश्य दिखता है, और माल रोड की चहल-पहल इसे जीवंत बनाती है। पर्यटक यहां बैठकर शिमला की ठंडी हवाओं और औपनिवेशिक वास्तुकला का आनंद लेते हैं। कुल मिलाकर स्कैंडल पॉइंट शिमला की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का एक प्रतीक है, जो अतीत को वर्तमान को जोड़ता है।


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