जिंदगी के खट्टे मीठे अनुभवों का खजाना है ‘थैंक यू यारा’

‘थैंक यू यार’ एक ऐसा कहानी संग्रह है, जिसमें दस भावनात्मक और संवेदनशील कहानियाँ शामिल हैं, जो हमारे आसपास की रोज़मर्रा की जिंदगी, मानवीय रिश्तों और सामाजिक परिस्थितियों को गहराई से उकेरती हैं। यह संग्रह पाठकों को भावनाओं के एक गहरे समुद्र में ले जाता है, जहाँ प्रेम, दुख, संघर्ष, और उम्मीद की बारीकियां हर कहानी में स्पष्ट रूप से झलकती हैं।

#थैंकयूयारा की कहानियाँ सामान्य लोगों के जीवन, उनके छोटे-छोटे सपनों, और रोज़मर्रा के संघर्षों को केंद्र में रखती हैं। ये कहानियाँ न केवल भावनात्मक गहराई लिए हुए हैं, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक परतों को भी उजागर करती हैं। ‘कटघरे’ से लेकर ‘यूं भी होता है’ तक संग्रह की हर कहानी एक अलग रंग और स्वाद लिए हुए है, फिर भी सभी में एक सामान्य सूत्र है—मानवीय संवेदनाओं का चित्रण और जीवन की साधारण परिस्थितियों में छिपी असाधारणता ।

‘थैंक यू यारा’ संग्रह की तमाम कहानियाँ सीधे हमारे दिल को छूती हैं। चाहे वह ‘कटघरे’ कहानी में एक शिक्षक शबनम में अपने छात्र विजय भूषण के प्रति अपने बच्चे जैसी तड़प हो, ‘दूर्वा’ में शिक्षक और छात्रा रुचिरा के बीच मार्गदर्शन की गर्माहट हो या  ‘सुर्ख गुलाब’ में युवावस्था की दहलीज पर खड़ी तीन सहेलियों के भीतर प्रेम की अनकही पीड़ा...हर कहानी में भावनाएँ जीवंत रूप में उभरती हैं। 

दस कहानियों का यह संग्रह विभिन्न विषयों को छूता है—प्रेम, दोस्ती, परिवार और सामाजिकता। प्रत्येक कहानी अपने आप में पूर्ण है, फिर भी संग्रह के रूप में ये एक-दूसरे की पूरक बनकर मोतियों की माला सी बन जाती हैं।
‘थैंक यू यारा’ की कहानियाँ रिश्तों की विभिन्न छवियों को भी सामने लाती हैं जैसे ‘प्रार्थना’ कहानी में माँ का अपनी बेटी के लिए प्रेम है, तो ‘मावठा’ में दोस्तों के बीच अनकहा विश्वास। 

इस संग्रह की कहानियाँ आधुनिक जीवन की जटिलताओं और उससे उत्पन्न होने वाली भावनात्मक दूरी को भी दर्शाती हैं। जैसे ‘परिक्रमा’ कहानी में कला की कद्र हमें स्कूल के दिनों में पढ़ी महान कहानीकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी ‘ठेस’ और उसके कलाकार सिरचन का स्मरण करा देती है जबकि ‘गोल्डन कर्ल’ कहानी बच्चों की मासूमियत से रूबरू कराती है। पुस्तक का शीर्षक बनी कहानी ‘थैंक यू यारा’ लेखक के मन की उथल पुथल को आत्म संवाद शैली की कहानी में पेश करती है।

आकाशवाणी भोपाल  की लोकप्रिय एनाउंसर Amita Trivedi जी ने संवेदनाओं को इतनी बारीकी से बुना है कि हम स्वतः ही किरदारों के साथ जुड़ते जाते हैं ।  ‘थैंक यू यारा’ की कहानियाँ हमारे आसपास की परिस्थितियों को दर्शाती हैं—चाहे वह मध्यमवर्गीय परिवारों का मानसिक संघर्ष हो, रिश्तों में विश्वास की कमी हो या समाज की छोटी-छोटी रूढ़ियों से जूझते लोग हों । ये कहानियाँ सामाजिक यथार्थ को न केवल उजागर करती हैं, बल्कि उन पर विचार करने के लिए भी प्रेरित करती हैं।

अमिता जी की भाषा सरल, सहज, और प्रवाहमयी है। यह संग्रह आम पाठक से लेकर साहित्य प्रेमी तक सभी को आकर्षित करेगा । संवाद और वर्णन में एक आत्मीयता है, जो कहानियों को और भी प्रभावी बनाते हुए सीधे दिल से जोड़ देती हैं ।

अमिता त्रिवेदी ने कहानियों को इस तरह बुना है कि वे न केवल मनोरंजक हैं, बल्कि विचारोत्तेजक भी हैं। किरदारों का चित्रण इतना जीवंत है कि वे हमारे सामने साकार हो उठते हैं। संग्रह की सबसे बड़ी ताकत इसकी सादगी और सच्चाई है—यह न तो अतिशयोक्ति में बहता है और न ही बनावटीपन में। हर कहानी में एक ऐसी सच्चाई है, जो हमें अपने आसपास के लोगों और परिस्थितियों से जोड़ती है।

कुल मिलाकर ‘थैंक यू यारा’ एक ऐसा कहानी संग्रह है, जो न केवल पढ़ने में आनंद देता है, बल्कि जीवन के छोटे-छोटे पलों की गहराई को समझने का अवसर भी प्रदान करता है। यह उन पाठकों के लिए आदर्श है, जो साहित्य में भावनात्मक गहराई और सामाजिक यथार्थ की तलाश करते हैं। अमिता जी का यह पहला ही कहानी संग्रह हमें याद दिलाता है कि हमारे आसपास की साधारण सी दिखने वाली जिंदगियों में भी असाधारण कहानियाँ छिपी हुई हैं बस, उन्हें देखने और शब्दों में उकेरने की दृष्टि चाहिए । किताब अमेजन पर भी उपलब्ध है  

पुस्तक: थैंक यू यारा (कहानी संग्रह)
लेखक: अमिता त्रिवेदी 
पृष्ठ: 94  मूल्य: 200 रुपए 
प्रकाशक: शिवना प्रकाशन, सीहोर

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