नौसेना में महिलाओं ने लगाए चार चाँद
‘नविका सागर परिक्रमा’ भारतीय नौसेना का एक ऐसा अद्भुत
नौ-परिभ्रमण अभियान है जिसमें सभी महिला
सदस्य शामिल हैं. यह दुनिया में अपनी तरह
का पहला रोमांचक नौकायन अभियान है. नौसेना
में रोमांच और साहस की भावना को बढ़ावा
देने के लिए शुरू हुआ यह अभियान लगभग 165 दिनों में दुनिया भर का चक्कर लगाकर अप्रैल 2018 में गोवा वापस लौटेगा.
रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 10 सितंबर, 2017 को गोवा से इस अभियान को
हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था ।
आईएनएसवी तरिणी पर विश्व भ्रमण पर निकले इस दल की कैप्टन
लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी है और इसके चालक दल में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा
जामवल, पी. स्वाति और लेफ्टिनेंट एस
विजया देवी, वी ऐश्वर्या तथा पायल
गुप्ता शामिल हैं। स्वदेश में निर्मित आईएनएसवी तरिणी 55 फीट का नौकायन पोत है, जिसे इस वर्ष की शुरूआत
में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इससे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल को दर्शाया जा रहा
है।
‘नविका सागर परिक्रमा’ नाम का यह अभियान महिलाओं की अंतर्निहित ताकत के जरिए उनके सशक्तिकरण की राष्ट्रीय नीति के अनुरूप है। इसका उद्देश्य विश्व मंच पर ‘नारी शक्ति’ को प्रदर्शित करना और चुनौतीपूर्ण वातावरण में उनकी सहभागिता बढ़ाकर देश में महिलाओं के प्रति सामाजिक व्यवहार तथा मानसिकता में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
यह पोत अपनी यात्रा समाप्त कर अप्रैल, 2018 में गोवा लौटेगा। यह अभियान पांच चरणों में पूरा होगा। इस दौरान यह चार बंदरगाहों- फ्रीमैन्टल (आस्ट्रेलिया), लिटिलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेंली (फॉकलैंड) और कैपटाउन (दक्षिण अफ्रीका) पर रूकेगा।
यह साहसिक दल मौसम विज्ञान, समुद्र और लहरों के बारे में नियमित रूप से आंकड़े एकत्रित करेगा और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को नई जानकारी भी उपलब्ध कराएगा, ताकि विभाग मौसम के पूर्वानुमान की सही जानकारी प्रदान कर सके। यह समुद्री प्रदूषण की भी जांच करेगा। समुद्री यात्रा और साहसिक भावना को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रवास के दौरान यह दल स्थानीय लोगों विशेष रूप से बच्चों के साथ व्यापक बातचीत करेगा
‘नविका सागर परिक्रमा’ नाम का यह अभियान महिलाओं की अंतर्निहित ताकत के जरिए उनके सशक्तिकरण की राष्ट्रीय नीति के अनुरूप है। इसका उद्देश्य विश्व मंच पर ‘नारी शक्ति’ को प्रदर्शित करना और चुनौतीपूर्ण वातावरण में उनकी सहभागिता बढ़ाकर देश में महिलाओं के प्रति सामाजिक व्यवहार तथा मानसिकता में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
यह पोत अपनी यात्रा समाप्त कर अप्रैल, 2018 में गोवा लौटेगा। यह अभियान पांच चरणों में पूरा होगा। इस दौरान यह चार बंदरगाहों- फ्रीमैन्टल (आस्ट्रेलिया), लिटिलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेंली (फॉकलैंड) और कैपटाउन (दक्षिण अफ्रीका) पर रूकेगा।
यह साहसिक दल मौसम विज्ञान, समुद्र और लहरों के बारे में नियमित रूप से आंकड़े एकत्रित करेगा और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को नई जानकारी भी उपलब्ध कराएगा, ताकि विभाग मौसम के पूर्वानुमान की सही जानकारी प्रदान कर सके। यह समुद्री प्रदूषण की भी जांच करेगा। समुद्री यात्रा और साहसिक भावना को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रवास के दौरान यह दल स्थानीय लोगों विशेष रूप से बच्चों के साथ व्यापक बातचीत करेगा
इसके अलावा, नौसेना में महिलाओं की उपलब्धियों पर गौर किया
जाए तो शुभांगी स्वरूप भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली पहली महिला पायलट बन
गईं। वह जल्द ही समुद्री निगरानी विमान को
उड़ाती नज़र आएँगी । उत्तर प्रदेश में बरेली की रहने वाली शिवांगी जल्दी ही कोच्चि में आईएनएस गरुड़ जरुरी प्रशिक्षण हासिल
करेंगी.
वहीँ,नई दिल्ली की आस्था
सेगल, पुडुचेरी की रूपा ए और
केरल की शक्ति माया एस ने नौसेना के नेवल आर्ममेंट इंस्पेक्शन (एनएआई) शाखा में
देश में पहली बार महिला अधिकारी बनकर
इतिहास बनाया। एनएआई शाखा देश के नौसैनिक बल के हथियारों के निरीक्षण और मूल्यांकन
का काम देखती है .
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