सोमवार, 1 जनवरी 2024

यह भीड़ उम्मीद जगाती है…!!

हिंदी भवन के डेढ़ कमरे में सिमटा हिंदी की किताबों का संसार,उसे निहारती और अपनी बाहों में समेटने में जुटी भीड़ उम्मीद जगाने वाली है। एक-एक युवा के हाथ में दो से चार किताबें देखना उम्मीद जगाता है और लेखक,अभिनेता, गायक और गीतकार #PiyushMishra पीयूष मिश्रा के ऑटोग्राफ/हस्ताक्षर लेने के लिए अनुशासित, कतारबद्ध आज की पीढ़ी उम्मीद जगाती है और यह विश्वास भी, कि फिलहाल तो हिंदी की किताबों को कोई खतरा नहीं है…उनके पाठक भी हैं,खरीददार भी और साहित्यिक विरासत को आगे ले जाने वाले मजबूत कंधे भी। तभी तो पीयूष मिश्रा 'आकाशवाणी समाचार' से बातचीत में उल्टा सवाल पूछ बैठते हैं कि कहां कम हो रहे हैं पाठक? सब फिटफाट है। उनकी बात गलत भी नहीं है क्योंकि उनकी किताब पर हस्ताक्षर कराने के लिए जुटी भीड़ इस बात की तस्दीक भी कर रही थी। फिर लगा कि ये पीयूष मिश्रा का ग्लैमर हो सकता है लेकिन ग्लैमर पुस्तक खरीदने के थोड़ी मजबूर करेगा। पीयूष भी इस बात को मानते हैं कि धड़ाधड़ पुस्तक खरीद रहे ये युवा पाठक ज्यादा हैं दर्शक कम। उन्हें पूरा विश्वास है कि हिंदी किताबों की दुनिया को कोई खतरा नहीं है और अच्छी किताबें इसी प्रकार छपती और बिकती रहेंगी। उन्होंने कहा कि मेरी नौ किताबें अब तक आ चुकी हैं और सभी खूब बिक रही हैं।

यहां केवल युवा या ऑटोग्राफ लेने वालों की भीड़ भर नहीं थी बल्कि हिंदी साहित्य के कई नामचीन हस्ताक्षर भी थे। यहां जाने माने लेखक,कवि और आलोचक Vijay Bahadur Singh
जी थे तो वर्दी में भी अच्छे लेखक Shashank Garg भी और जानी मानी पर्वतारोही Megha Parmar Parmar भी…इन चंद नामों के अलावा भोपाल के साहित्य जगत की कई हस्तियां यहां मौजूद थी। उनकी मौजूदगी भी इस बात की उम्मीद जगाती है कि अच्छी बातें,अच्छे लोग और अच्छी किताबें हमेशा ही ध्यान खींचती हैं।
#Rajkamalbooks के आमोद माहेश्वरी भी पीयूष मिश्रा की बातों से सहमति जताते हैं। भोपाल में पाठकों की पुस्तक प्रियता के बारे में पूछने पर वे कहते हैं कि भोपाल में हमेशा से अच्छा पाठक वर्ग रहा है इसलिए हमने इस तरह के पुस्तक मेलों की शुरुआत भी भोपाल से की है और भोपाल,पटना जैसे शहरों में हमेशा आते रहेंगे।
बहरहाल, लेखक और प्रकाशन की ये बातें उम्मीद जगाती हैं, पाठकों की यह भीड़ उम्मीद जगाती है और क़िताब खरीदते लोग भी इस उम्मीद को बढ़ाते हैं कि यदि अच्छा लिखा जाएगा तो वह खरीदा भी और पढ़ा भी जाएगा। (14 Oct 2023)

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