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जुलाई, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

न्यूजरूम परिवार के नाम एक पाती

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  मेरे न्यूजरूम परिवार के सभी प्रिय सदस्यों, सभी को नमस्कार मजरूह सुल्तानपुरी  मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया आज मेरे लिए एक ऐसा क्षण है, जो मन में मिश्रित भावनाओं का तूफान लिए हुए है—खुशी, गर्व, और कहीं न कहीं एक हल्की-सी उदासी। सात साल पहले जब मैंने इस दफ्तर में कदम रखा था, तब यह स्थान मेरे लिए सिर्फ एक कार्यस्थल था। लेकिन आप सभी ने इसे मेरे लिए एक घर बना दिया, एक ऐसा परिवार जहाँ हर दिन नई सीख, हँसी, और अपनत्व का एहसास हुआ। आज, जब मैं ट्रांसफर के साथ एक नए सफर की ओर बढ़ रहा हूँ, तो यह विदाई मेरे लिए उतनी ही मुश्किल है, जितनी किसी अपने को अलविदा कहना। इन सात सालों में हमने मिलकर अनगिनत चुनौतियों का सामना किया। चाहे वो डेडलाइन का दबाव हो, प्रोजेक्ट्स की जटिलताएँ हों, या फिर नई योजनाओं को आकार देना हो—आप सभी का साथ मेरे लिए एक ढाल की तरह रहा। कॉफी ब्रेक में की गई हल्की-फुल्की बातें, लंच टाइम की वो छोटी-छोटी कहानियाँ, और उत्सवों में एक साथ नाचना-गाना—ये वो पल हैं जो मेरे दिल में हमेशा जिंदा रहेंगे। आप में से हर एक ने मुझे कुछ न कुछ सिखाय...

अभिशाप नहीं,सीधे संवाद का सटीक माध्यम है भी सोशल मीडिया

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इन दिनों इलेक्ट्रानिक मीडिया खासकर न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया को खरी-खोटी सुनाना एक फैशन बन गया है. मीडिया की कार्यप्रणाली के बारे में ‘क-ख-ग’ जैसी प्रारंभिक समझ न रखने वाला व्यक्ति भी ज्ञान देने में पीछे नहीं रहता. हालाँकि यह आलोचना कोई एकतरफा भी नहीं है बल्कि टीआरपी/विज्ञापन और कम समय में ज्यादा चर्चित होने की होड़ में कई बार मीडिया भी अपनी सीमाएं लांघता रहता है और निजता और सार्वजनिक जीवन के अंतर तक को भुला देता है. वैसे जन-अभिरुचि की ख़बरों और भ्रष्टाचार को सामने लाने के कारण न्यूज़ चैनल तो फिर भी कई बार तारीफ़ के हक़दार बन जाते हैं लेकिन सोशल मीडिया को तो समय की बर्बादी तथा अफवाहों का गढ़ माना लिया गया है.  आलम यह है कि सोशल मीडिया पर वायरल होते संदेशों के कारण अब ‘वायरल सच’ जैसे कार्यक्रम तक आने लगे हैं  लेकिन, वास्तविक धरातल पर देखें तो न्यू मीडिया के नाम से सुर्खियाँ बटोर रहे  मीडिया के इस नए स्तम्भ का सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो यह वरदान बन सकता है. कई बार मुसीबत में फंसे लोगों तक सहायता पहुँचाने में फेसबुक,ट्विटर जैसे सोशल मीडिया के लोकप्रिय प्लेटफार्म ने गज़ब की त...

बस,चाय पकौड़े की कमी थी..

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ऐसा लगा जैसे प्रकृति अपने पूरे शबाव के साथ हमारे इस्तकबाल के लिए आ गई है। भोपाल से दिल्ली और फिर पंचकूला तक यात्रा सामान्य सी ही रही लेकिन जैसे ही हमने welcome to Himachal Pradesh का बोर्ड पार किया…बादलों के एक युवा उत्साही समूह ने तेज फुहारों के साथ हुलसकर हमारा स्वागत किया बिल्कुल वैसे ही जैसे किसी नए हवाईजहाज की पहली यात्रा में पानी की फुहारों से वेलकम किया जाता है।  इस दौरान मौसम इतना खुशगवार था कि चाय पकौड़े की कमी खलने लगी। अब प्रकृति भले ही अपने बंधु बांधवों के साथ पूरे मूड में थी लेकिन चलती सड़क पर बारिश के बीच हमारे लिए चाय और पकौड़े बनाने की हिम्मत कौन दिखाता। बारिश ने विराम लिया तो धुंध को चीरकर पहाड़ों और घने पेड़ों ने हमें निहारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। फिर धुंध भी छट गई और हमें हिमाचल के असली सौंदर्य से साक्षात्कार  का मौका मिलने लगा। बीच बीच में सड़क किनारे परिवार के साथ भुट्टे और गरमागरम मैगी खाते लोग अपने शहर भोपाल का अहसास करा रहे थे और यह संदेश भी दे रहे थे कि मौसम के अनुकूल खाने के मामले में हम सब एक हैं।  सड़क के बीचों बीच निडर होकर इठलाते कनेर और बो...

परंपराएं तोड़कर बदलाव की अंगड़ाई लेता रेडियो

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कल्पना कीजिए कि आप रेडियो पर फरमाइशी गीत जैसा कोई कार्यक्रम सुन रहे हैं और अपने फिल्म नदिया के पार का कौन दिशा में ले के चला रे गीत सुनाने का अनुरोध किया है। जैसे ही गीत शुरू होता है आपके मोबाइल या रेडियो सेट पर इस गाने के दृश्य भी दिखाई देने लगें। इसी तरह, आप रेडियो पर समाचार सुन रहे हैं और एकाएक न्यूज रीडर की जानी पहचानी आवाज़ के साथ उसका चेहरा भी दिखने लगे…आश्चर्य हो रहा है न!! तो इस अचंभे के लिए तैयार रहिए क्योंकि जल्दी ही नए जमाने का यह रेडियो आपके जीवन का हिस्सा बनने वाला है। इसे फिलहाल विजुअल रेडियो नाम दिया गया है। विजुअल रेडियो वास्तव में रेडियो प्रसारण का भविष्य है, जो ऑडियो और विजुअल अनुभव को एक साथ लाता है।  विजुअल रेडियो में एक आधुनिक प्रसारण तकनीक है जो पारंपरिक रेडियो की ऑडियो सामग्री को दृश्य तत्वों (विजुअल्स) के साथ जोड़ती है। इसमें रेडियो प्रसारण के साथ-साथ चित्र, वीडियो, ग्राफिक्स, टेक्स्ट, और अन्य मल्टीमीडिया सामग्री को एकीकृत किया जाता है, जिसे श्रोता रेडियो सेट, मोबाइल ऐप, या इंटरनेट के माध्यम से सुनने के साथ साथ रेडियो प्रसारण को देख भी सकते हैं। इसको हम प्रध...

शिमला में स्कैंडल पॉइंट!! क्या है असल माजरा

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पर्यटन स्थल में स्कैंडल प्वाइंट…पर्यटन स्थलों या नामचीन शहरों में सन सेट प्वाइंट, माउंटेन व्यू, लेक व्यू और सुसाइड प्वाइंट जैसे नाम तो हम सभी ने आमतौर पर सुने हैं और ये हमेशा ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहते हैं लेकिन क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के सबसे लोकप्रिय स्थान का नाम स्कैंडल प्वाइंट भी हो सकता है? हिमाचल प्रदेश ही नहीं देश दुनिया के सबसे चर्चित पर्यटन स्थल शिमला में पर्यटकों के सर्वाधिक आकर्षण की केंद्र मॉल रोड (स्थानीय लोगों के लिए केवल मॉल) पर स्थित है यह स्कैंडल प्वाइंट। मौजूदा दौर में यह मॉल रोड के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है जहां सबसे ज्यादा संख्या में लोग जुटते हैं और ठंड के दिनों में धूप तापते हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रशासन ने यहां भरपूर मात्रा में बेंच भी लगाई हुई हैं ताकि वे आराम से बैठ सकें। जैसा कि हम सभी जानते है कि शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी के साथ साथ भारत का एक प्रमुख हिल स्टेशन भी है। यह अपने औपनिवेशिक आकर्षण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए खास तौर पर प्रसिद्ध है। शिमला के केंद्र में स्थित माल रोड को शहर की धड़कन माना...