बर्फ के बिना भी बर्फीला जश्न..!!

क्वीन ऑफ हिल्स शिमला,हमेशा से सर्दियों की परी कथा सी लगती है और इस दौरान बर्फ़ से ढके पहाड़ों के बीच होने वाला विंटर कार्निवल यहां की जान है, लेकिन इस बार का विंटर कार्निवल कुछ खास है – प्रकृति ने बर्फ नहीं बरसाई, फिर भी शहर ने खुद को कृत्रिम बर्फ, चमकती लाइटों और रंग-बिरंगी झंडियों की सजावट से ऐसा सजाया कि लगता है पूरा शिमला बर्फ की चादर ओढ़े नाच रहा हो। कल 24 दिसंबर शुरू होकर 1 जनवरी तक चलने वाला यह विंटर कार्निवल नौ दिन का उत्सव भर नहीं, बल्कि हिमाचली संस्कृति, संगीत और जीवंतता का जीता-जागता प्रमाण है। आज क्रिसमस पर अलग ही रौनक है और दुनिया भर में मशहूर यहां का चर्च रंगों से नहाकर प्रार्थनाओं में डूबा है।

विंटर कार्निवल के दौरान रिज मैदान (आम बोलचाल में मॉल रोड) पर शाम ढलते ही हजारों लोग इकट्ठा होते हैं। इनमें स्थानीय लोगों से ज्यादा पर्यटक हैं। हवा में ठंडक है, लेकिन दिलों में गर्माहट। उत्सवी माहौल का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद महानाटी में थिरकते दिखे। ढोल-नगाड़ों की थाप पर पूरा रिज मैदान एक साथ नाच उठता है।  यहां नाटी सिर्फ नृत्य नहीं, हिमाचल की आत्मा है – एकता, खुशी और पहाड़ों की मजबूती का प्रतीक।

इस बार कार्निवल की थीम 'ड्रग-फ्री हिमाचल' भी है, जो जश्न के बीच युवाओं को नशे से दूर रहकर संस्कृति को जीवित रखने का गंभीर संदेश देता है । कार्निवल की शुरुआत में सभी जिलों के लोक कलाकारों ने अपनी-अपनी परंपराओं की झलक दिखाई। मॉल रोड पर स्ट्रीट परफॉर्मर्स, जादूगर और मिमिक्री आर्टिस्ट घूम रहे हैं, जबकि फूड स्टॉल्स से सिद्दू, मद्रा, मोमोज और गर्मागर्म चाय की खुशबू फैल रही है। सेल्फी पॉइंट्स पर क्रिसमस ट्री, आई लव शिमला और विंटर थीम वाली डेकोरेशन हर किसी को सोशल मीडिया स्टार बना रही है। 

संगीत तो हिमाचल के साथ साथ इस विंटर कार्निवल की जान है। पहले दिन पंजाबी सिंगर रोहनप्रीत सिंह और पायल ठाकुर ने धमाल मचाया। आगे के दिनों में हेमा सरदेसाई, अरुण जस्टा, राजीव शर्मा जैसे कलाकार मंच संभालेंगे। लोक गायकों की आवाजें पहाड़ों से टकराकर गूंजेगी और साल के समापन पर मिडनाइट फायरवर्क्स आसमान को रंगों से भर देंगे। यह कार्निवल बताता है कि सच्चा जश्न बर्फ पर नहीं, दिलों में बसता है। 

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