ब्रह्म सरोवर: इतिहास, आस्था और अद्भुत सौंदर्य का संगम
यह ब्रह्मसरोवर है…भारत की प्राचीन आध्यात्मिक धरोहरों में से एक । हर वर्ष गीता जयंती समारोह के दौरान ब्रह्मसरोवर की भव्यता चरम पर रहती है। इस वर्ष भी 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक अंतर राष्ट्रीय गीता महोत्सव चल रहा है। कहा जाता है कि यही वह पवित्र स्थल है जहाँ सृष्टि के सृजन कर्ता भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मांड की रचना की थी। महाभारत में भी ब्रह्म सरोवर का विशेष महत्व देखने को मिलता है ।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित लगभग 3600 फुट लंबा और 1500 फुट चौड़ा यह सरोवर भारत के सबसे बड़े मानव-निर्मित जलाशयों में से एक है। चारों ओर बने घाट, शांत जल, और बीच में स्थित सर्वेश्वर महादेव मंदिर इसे दिव्यता का अनूठा स्पर्श देते हैं। देश-विदेश से आए श्रद्धालु यहाँ पवित्र स्नान कर जीवन के दोषों से मुक्त होने की कामना करते हैं।
सिर्फ धार्मिक ही नहीं, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी ब्रह्मसरोवर अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ के घाटों, दीवारों और शिलालेखों में प्राचीन भारतीय सभ्यता के निशान आज भी महसूस किए जा सकते हैं।
हम कह सकते हैं कि ब्रह्मसरोवर सिर्फ एक जलाशय नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास, सौंदर्य और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है—जहाँ से हर श्रद्धालु अपने भीतर एक गहरी शांति का स्पर्श लेकर लौटता है।
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